केरल में 31 मई को राज्य सरकार (Kerala Government) के 16000 कर्मचारी एक साथ रिटायर हुए. एक साथ इतने सारे कर्मचारियों के रिटायरमेंट बेनिफिट के लिए केरल सरकार को लगभग 9000 करोड़ रुपये का इंतजाम करना होगा. केरल फिलहाल आर्थिक संकट में फंसा हुआ है. इस महीने राज्य को ओवरड्राफ्ट लेना पड़ा था. अब सवाल ये पैदा होता है कि इतने पैसों का भुगतान सरकार कैसा करेगी?
एक साथ क्यों रिटायर हुए इतने लोग?
केरल के इतिहास में 31 मई बेहद खास दिन माना जाता है. पिछले साल इसी तारीख को 11800 कर्मचारी रिटायर हुए थे. इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 16000 पर पहुंच चुका है. दरअसल, बर्थ सर्टिफिकेट जरूरी किए जाने से पहले तक केरल के स्कूलों में दाखिले के वक्त सभी की डेट ऑफ बर्थ 31 मई ही डाल दी जाती थी. इसलिए ऐसा केवल इस बार नहीं बल्कि हर साल होता है. इस ऐतिहासिक परंपरा के चलते आज सरकार के सामने यह संकट खड़ा हो गया है.
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कैसे आया आर्थिक संकट?
केरल जिसकी प्रति व्यक्ति जीडीपी (GDP) भारत की औसतन जीडीपी से 1.6 गुना ज्यादा है, वो आजकल आर्थिक संकटों का सामना कर रहा है. दरअसल, केरल सरकार ने महीने के शुरुआत में ही ओवरड्राफ्ट ले लिया था. ऐसे में इतने कर्मचारियों के पेंशन का भुगतान करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है.
मिली जानकारी के अनुसार, केरल में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाई जा सकती है. मगर, ऐसा नहीं किया गया. अब सरकार के सामने अगला संकट 9000 करोड़ रुपये का इंतजाम करने का है. इसके अलावा केरल सरकार ने वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए कर्ज की सीमा तय नहीं होने पर भी केंद्र सरकार के समक्ष चिंता जताई है.
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एक दिन में 16000 लोग रिटायर, इस राज्य में खड़ा हो गया इतना बड़ा संकट