डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बक्सा जंगल (Buxa Forest) में एक दुर्लभ नजारा दिखा है. 11 दिसंबर को एक बार फिर लगभग एक दशक बाद रॉयल बंगाल टाइगर (Royal Bengal Tiger) नजर आया है. अलीपुर द्वार में एक हिडेन कैमरा इंस्टाल किया गया था जिसमें रॉयल बंगाल टाइगर की तस्वीरें कैद हुई हैं. 22 मील की दूरी वाली एक सड़क पर बाघ को 12 और 13 कंपार्टमेंट जंक्शनों पर देखा गया.
रॉयल बंगाल टाइगर इस राह से करीब 1 बजे रात में गुजरा था. बक्सा वन और टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) के अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच खुशी की लहर देखने को मिल रही है. प्रकृति प्रेमी भी इस दुर्लभ नजारे पर खुशी जाहिर कर रहे हैं. हाल के दिनों में यह दावा किया गया था कि दुर्लभ प्रजाति के ये बाघ विलुप्त होने की कगार पर हैं.
अधिकारियों के मुताबिक बाघ के चलने का तरीका पूरी तरह से बंगाल टाइगर जैसा ही है. अधिकारियों ने पगमार्क को नोट भी किया है. यह मार्क सड़क से करीब 20 किलोमीटर दूर नदी के गहरे इलाके के पास मिला था.
देखें Royal Bengal Tiger की दुर्लभ तस्वीर
बंगाल में विलुप्त हो रहे बाघ, असम करेगा मदद!
वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक (Jyotipriyo Mallic) ने कहा है कि पगमार्क (Pugmark) की जांच के लिए कोलकाता से वन विभाग की एक टीम जल्द ही सोमवार को इस इलाके में पहुंचेगी. पश्चिम बंगाल असम से 20 बाघों को बक्सा लाने की योजना बना रहा है क्योंकि पिछले दो दशकों में रॉयल बंगाल टाइगर की संख्या तेजी से घटी है. बक्सा जंगल में आखिरी बार बाघ को 1998 में और बाद में 2010 में देखा गया था. इसे ज्यादातर मीडिया ने कवर किया था.
जंगल में रह रहे लोगों को किया जाएगा विस्थापित
वनमंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा, 'हम उस इलाके में करीब 3 किलोमीटर इलाके में जाल लगाएंगे. 1938 से आसपास रहने वाले परिवारों के प्रत्येक वयस्क को केंद्र द्वारा मुआवजा दिया जाएगा. मानव निवास से मुक्त जंगल की ओर यह एक कदम होगा. जैसे ही केंद्र द्वारा स्वीकृत धन हम तक पहुंच जाएगा हम वन भूमि का अतिक्रमण करने वालों को छोड़ने के लिए मना लेंगे. रॉयल बंगाल टाइगर का इस इलाके में देखा जाना पर्यावरण और प्रकृति प्रेमियों के लिए राहतभरी खबर है.
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