डीएनए हिंदी: Gujarat News- कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मिली 2 साल की सजा के मामले में गुजरात हाई कोर्ट से भी निराशा मिली है. हाई कोर्ट ने उनकी सजा पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है. राहुल को यह सजा 'मोदी सरनेम' से जुड़े कमेंट पर दाखिल मानहानि के मुकदमे में सूरत कोर्ट ने सुनाई थी, जिसके चलते उन्हें अपनी संसद सदस्यता से भी हाथ धोना पड़ा है. राहुल गांधी ने इस सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी, जिस पर हाई कोर्ट 4 जून को गरमी की छुट्टियां खत्म होने के बाद फैसला सुनाएगा. राहुल ने हाई कोर्ट से याचिका पर फैसला सुनाने तक सजा पर अंतरिम रोक लगाने का आग्रह किया था, जिसे हाई कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया. 

स्टे नहीं मिला, अब क्या होगा

राहुल गांधी को हाई कोर्ट ने सजा पर स्टे नहीं दिया है, इसका मतलब है कि सेशन कोर्ट से उन्हें मिली 30 दिन की राहत खत्म होने पर उन्हें जेल जाना ही होगा. यह समय हाई कोर्ट की अगली सुनवाई से पहले ही 20 मई के आसपास पूरा हो जाएगा यानी राहुल को 20 मई के बाद गिरफ्तार किया जा सकता है. इसके अलावा हाई कोर्ट से फिलहाल स्टे नहीं मिलने पर उनकी संसद सदस्यता भी अब रिजर्व नहीं रहेगी यानी चुनाव आयोग उस पर चाहे तो उप चुनाव की घोषणा कर सकता है. 

क्या राहत की थी राहुल को उम्मीद

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से साल 2018 में 'लोक प्रहरी बनाम भारत सरकार' मामले में एक खास निर्णय दिया गया था. इसमें कहा गया था कि अयोग्यता अपीलीय अदालत में सजा पर स्टे देने की तारीख से लागू नहीं रह जाएगी. इस निर्णय की बदौलत हाई कोर्ट से स्टे मिलने पर राहुल दोबारा संसद सदस्य बन सकते थे. दरअसल CrPC की धारा 389 के तहत सजा को निलंबित करने पर दोषसिद्धि पर स्वत: ही रोक लग जाती है. इस धारा के तहत अपीलीय अदालत को याचिका के लंबित होने तक सजा को निलंबित करने और दोषी को जमानत पर रिहा करने का अधिकार है.

क्या है राहुल गांधी का मामला

राहुल गांधी पर 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान 'मोदी सरनेम' को लेकर गलत कमेंट करने का आरोप है. राहुल ने अपने भाषण में कहा था कि मोदी सरनेम वाले सभी लोग चोर निकल रहे हैं. इसे लेकर गुजरात के सूरत से भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा कर दिया था. 23 मार्च को सूरत कोर्ट ने उन्हें IPC की धारा 499 व 500 के तहत दोषी मानते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. इसके चलते संसद ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट से उनके निर्वाचन को रद्द कर दिया था.

इसके बाद क्या हुआ है

राहुल गांधी ने सूरत कोर्ट के फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी. उन्होंने 3 अप्रैल को सेशन कोर्ट में दो अपील दाखिल की थी. पहली अपनी सजा पर जमानत देने की और दूसरी अपनी दोषसिद्धि को खारिज किए जाने की. सेशन कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 20 अप्रैल को राहुल को जमानत देते हुए उनकी अपील खारिज कर दी थी. हालांकि सेशन कोर्ट ने उन्हें हाई कोर्ट में अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया था. इसके बाद राहुल ने गुजरात हाई कोर्ट में अपील की थी. पिछले बुधवार को गुजरात हाई कोर्ट की जस्टिस गीता गोपी ने राहुल के केस की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. इसके बाद यह मामला जस्टिस हेमंत प्रच्छक की कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था, जिन्होंने आज राहुल की अर्जी पर अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए 4 जून के बाद सुनवाई करने की बात कही है. 

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Modi Surname Case Gujarat High Court denied to give Interim stay on conviction will Rahul Gandhi go to jail
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गुजरात हाई कोर्ट ने भी नहीं दिया सजा पर स्टे, क्या अब राहुल गांधी को जाना ही होग
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गुजरात हाई कोर्ट ने भी नहीं दिया सजा पर स्टे, क्या अब राहुल गांधी को जाना ही होगा जेल?, जानें पूरी बात