डीएनए हिंदी : 1987 से 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day)  मनाया जा रहा है. यह दिन महान वैज्ञानिक सी वी रमन को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय युवाओं की दिलचस्पी विज्ञान में बढ़ाने के लिए किया जाता है. साथ ही यह समझाया जाता है कि वे इसका महत्व समझ सकें. जानते हैं डेटा के माध्यम से कि विज्ञान और महाशक्तियों के बीच क्या सम्बन्ध हैं. 

भारत R&D में अधिक खर्च कर रहा है पर...

भारत में  R&D यानी रिसर्च एन्ड डेवलपमेंट पर खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है. 2007-08 में यह ख़र्च 39,437. 77 करोड़ था जबकि 2017-18 में बढ़कर 1,13, 825.03 करोड़ हो गया. भारत(India)  में प्रति व्यक्ति ख़पत R&D में बढ़कर 47.2 USD  हो गया था.  फिर भी ज़रूरत है कि भारत  को शोध के लिए इस पर और खर्च करे ताकि यह वह महाशक्ति बन सके जो बनना चाहता है.  BRICS देशों के समूह में भारत(India) अपने सकल घरेलू उत्पाद का 0.7% रिसर्च और डेवेलपमेंट पर ख़र्च करता है.  अन्य देशों में ब्राज़ील 1.3%, रशियन फेडेरेशन 1.1%, चीन 2.1%, दक्षिण अफ्रीका 0.8% ख़र्च करता है. वहीं कुछ विकसित देशों में इजराइल 4.5%, दक्षिण कोरिया 4.6% , जर्मनी 3.0 %, जापान 3.2 % और अमेरिका 2.8% ख़र्च करता है.\

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भारत में दोगुनी हो गई है रिसर्चर की संख्या फिर भी बहुत कम है

भारत(India)  में 2000 के बाद से रिसर्चर की संख्या दोगुनी हो गयी है. उदाहरण के तौर पर भारत में शोधकर्ताओं की संख्या 2017 में 255 हो गयी थी पर 2000 में यह केवल 110 थी.

हमारे BRICS सहयोगियों में यह संख्या क्रमशः ब्राज़ील 888,  रूस 2822, चीन 1255 और दक्षिण अफ्रीका 492 है. सबसे अधिक शोधकर्ता इजराइल (8342), स्वीडन(7597) और फिनलैंड (6722) में हैं. यह गौरतलब है कि जिन देशों में शोध पर किए गए खर्च और शोधकर्ताओं का अनुपात बेहतर है वे विकसित देशों की सूचि में शामिल हैं.

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जानिए कैसे Science ने बनाया दुनिया के इन देशों को सुपर पॉवर
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