डीएनए हिंदीः संभावना है कि आप शायद ही कभी ध्यान देते होंगे की आपके यूरिन कैसा नजर आता है , लेकिन आपके पेशाब के रंग और मात्रा से शरीर में पल रहे रोगों को आसानी से समय रहते पकड़ा जा सकता है.
पेशाब का रंग इस बात का एक बड़ा बैरोमीटर है कि आपका शरीर हाइड्रेट है या नहीं. कम या ज्यादा पेशाब के साथ ही झागदार और करलफुल यूरिन का आना कई रोगों का संकेत देता है. कडनी की खराबी से लेकर डायबिटीज, पीलिया, डिहाइड्रेशन और यूरिक एसिड तक की जानाकारी आपको अपने यूरिन को देख कर लग सकती हैं.
यूसीआई हेल्थ सेंटर फॉर यूरोलॉजिकल केयर के अनुसार 24 घंटे के यूरिन की मात्रा प्रति दिन 800 से 2,000 मिलीलीटर तक सामान्य होती है. (प्रति दिन लगभग 2 लीटर के सामान्य द्रव सेवन के साथ).
नियमित मूत्र का रंग पानी की तरह रंगहीन से बेहद हल्का पीला होता है. लेकिन कुछ चीजें रंग बदल सकती हैं. उदाहरण के लिए, चुकंदर, ब्लैकबेरी जैसे खाद्य पदार्थ खाने से रंग गुलाबी या लाल हो सकता है, वहीं कुछ दवाओं के कारण भी रंग नारंगी या हरा-नीला हो सकता है, लेकिन इनमे से कोई कारण न हो तो ये जान लें किन बीमारियों का संकेत देता है.
झागदार
झागदार यूरिन का मतलब हैं पेशाब से प्रोटीन का बाहर आना. प्रोटीन यूरिन में डाइल्यूट नहीं हो पाता. प्रोटीन में कई ऐसी प्रॉपर्टीज होती हैं जिससे यूरिन पास करते समय उसमें झाग बन जाता है. अगर हाइड्रेटेड रहने के बाद भी किसी व्यक्ति के यूरिन में झाग नजर आता है तो यह किडनी डिजीज का एक लक्षण हो सकता है. इसके अलावा ये यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन. इसके अलावा, यूरिन में पस होने के कारण भी झागदार पेशाब हो सकता है. पस आने के कारणों में शामिल हैं वेजाइनल इंफेक्शन, ब्लैडर इंफेक्शन, कैलमाइडिया, किडनी स्टोन के कारण यूरेटर वॉल का क्षतिग्रस्त होना आदि
गाढ़ा पीला
यूरिन का गाढ़ा पीला रंग इस बात का संकेत है कि आपका शरीर डिहाइड्रेटेड हो रहा है. यानी शरीर में पानी की कमी हो रही है. आप हर दिन 8 से 10 गिलास पानी पीकर, दूध, नींबू पानी और नारियल पानी पीकर अपने शरीर में हाइड्रेशन की कमी को पूरा कर सकते हैं. ऐसा करने से यूरिन का रंग अपने आप क्लियर हो जाएगा.
बादल जैसा या धुंधला रंग
यूरिन का रंग धुंधला होना कई तरह के गंभीर इंफेक्शन की तरफ इशारा होता है. ये ब्लेडर इंफेक्शन की वजह से भी हो सकता है और कई अन्य गंभीर बीमारियों के कारण भी. इसलिए इस स्थिति में बेहतर यही होता है कि आप डॉक्टर से संपर्क करें.
यूरिन का रंग ब्राउन होना
ब्राउन कलर का यूरिन लिवर या गालब्लेडर यानी पित्ताशय में इंफेक्शन के कारण आता है. इनके अलावा पित्त की नली में ब्लॉकेज या घाव के कारण भी ऐसा हो सकता है. ब्लेडर इंफेक्शन भी इसकी वजह हो सकता है.
लाल रंग का यूरिन
यूरिन का रंग लाल कई अलग-अलग कारणों से होता है. पहला आपकी डायट, यदि आप डायट में चुकंदर खाते हैं या इसका जूस पीते हैं तो यूरिन का रंग लाल हो जाता है. दवाओं के कारण भी ऐसा होता है. लेकिन अगर ये दोनों चीजें आपकी लाइफस्टाइल में शामिल नहीं है फिर भी यूरिन का रंग लाल है तो इसका अर्थ है कि यूरिन के साथ ब्लड आ रहा है. आप तुरंत डॉक्टर से मिलें. क्योंकि ऐसा किडनी की बीमारी, इंफेक्शन, आंतरिक चोट या फिर कैंसर जैसी भयानक समस्या के कारण भी हो सकता है.
हल्का पीला
हल्का पीला रंग इस बात का संकेत भी होता है कि आप एक दिन में जितना पानी पी रहे हैं, उसकी मात्रा आपके शरीर के लिए पर्याप्त नहीं है. इसलिए आप पानी अधिक मात्रा में पीना शुरू करें. इसके अतिरिक्त किडनी की बीमारी या फिर डायबिटीज के कारण भी यूरिन का रंग हल्का पीला होता है.
ग्रीन-ब्राउन यूरिन
अंग्रेजी दवाओं के अधिक सेवन, कलर्ड फूड्स का अधिक सेवन इस अजीब रंग के यूरिन की वजह हो सकता है. लेकिन अगर ऐसा कुछ भी आप नहीं कर रहे हैं, फिर भी ग्रीन-ब्राउन रंग का यूरिन आ रहा है तो आप तुरंत डॉक्टर से जाकर मिलें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर
- Log in to post comments
यूरिन का रंग बता देगा शरीर में पल रही कौन सी बीमारी, पेशाब का झागदार होना भी खतरे का संकेत