डीएनए हिंदी : हाइपरटेंशन या हाई ब्लडप्रेशर एक ही बीमारी है. इस बीमारी के बारे में सबसे बड़ी बात यह है कि आधे मरीज़ इससे अंजान हैं, जिन्हें पता है उनमें से 13 फीसदी यानी 7 में से सिर्फ एक मरीज़ ब्लडप्रेशर कंट्रोल करने के लिए दवाएं ले रहा है. आंकड़ों के मुताबिक़ शहरी इलाकों में तकरीबन 48 प्रतिशत लोग अपनी बीमारी के बारे में जानते थे लेकिन 15 फीसदी इलाज कर रहे थे और केवल 8 फीसदी बीमारी को काबू कर पाए थे. ग्रामीण इलाकों में 42.5 प्रतिशत लोगों को ही जानकारी थी यानी गांवों में हाई बीपी के शिकार आधे से भी कम लोगों को पता था कि वो बीमार हैं. केवल 12 प्रतिशत लोग इलाज करवा रहे थे और 7.7 फीसदी ही बीमारी पर काबू पा सके थे.
ये सर्वे पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन आफ इंडिया ने जर्मनी की Heidelberg University और Harvard T H Chan School of Public Health के साथ मिलकर किया था.
कैसे करें आसानी से Blood Pressure कंट्रोल
हाईब्लडप्रेशर कई बीमारियों का गेटवे यानी दरवाज़ा बन जाता है लेकिन सबसे खतरनाक हमला दिल पर करता है. हाई ब्लड प्रेशर बहुत बार कोई व़ॉर्निंग नहीं देता. आम तौर पर इसका पता तब चलता है जब दिल पर हमला हो चुका हो या होने वाला हो. हाइपरटेंशन की सबसे बड़ी वजह है मोटापा – महिलाओं में 35 इंच से ज्यादा और पुरुषों में 40 इंच से ज्यादा कमर खतरे की घंटी है.
इसकी दूसरी वजह है ज्यादा नमक खाना. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक रोज़ाना 5 ग्राम से ज्यादा नमक नहीं खाना चाहिए. लेकिन भारतीय खान-पान में मौजूद अचार, चटनी पापड़ और पैकेट बंद स्नैक्स ज़रुरत से कहीं ज्यादा नमक से भरे होते हैं. यहां तक कि मीठे स्नैक्स बनाने के प्रोसेस (प्रक्रिया)में भी नमक का प्रयोग होता है.
Exercise न करना तनाव, शराब और स्मोकिंग भी है कारण
एक बार ब्लडप्रेशर की दवाएं शुरु हो जाएं तो उन्हें नियम से रोज़ लेना ज़रुरी है. दवा ना खाना और भी खतरनाक हो सकता है. बार बार ब्लडप्रेशर की दवाएं मिस की जाएं तो स्ट्रोक यानी लकवा या ब्रेन से खून आने का खतरा रहता है. हालांकि ब्लडप्रेशर के शिकार कुछ लोग, जिनकी बीमारी अभी कंट्रोल से बाहर नहीं हुई – वो लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर हमेशा के लिए बीमारी और दवा दोनों से मुक्त हो सकते हैं.
- हफ्ते में 5 दिन की सैर या कसरत
- नमक कम खाना, इतना कम कि खाना फीका लगे.
- खाने पीने की बेहतर आदतें – यानि कम रोटी चावल और ज्यादा फल सब्जियां
- शराब और स्मोकिंग से परहेज़
- वज़न पर कंट्रोल
- जीवन को खुश रहकर जीने की कला सीख लें – तो ब्लडप्रेशर कंट्रोल हो सकता है. वैसे डॉक्टर 30 साल की उम्र के बाद घऱ में ही बीपी म़ॉनीटर रखने की सलाह देते हैं, जिससे आप वक्त-वक्त पर खुद ही बी पी चेक कर सकें.
- खाने में नमक कम करने से ही ब्लड प्रेशर 10 मिलीमीटर नीचे आ सकता है हल्की फुल्की एक्सरसाइज भी रोजाना करें और अपने वजन पर नियंत्रण रखें तो इन तीन बातों से ही आप नेचुरल तरीके से ब्लड प्रेशर को काबू में रख पाएंगे. लेकिन ये तरीके बीपी बढ़ने से पहले अपना लें तो नतीजे और अच्छे होंगे.
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