भारत समेत दुनिया के कई देशों में अस्थमा (Asthma) के मरीजों की संख्या बढ़ती हुई देखी जा रही है. साल 2019 में विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO के द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, उस साल 4.5 लाख लोगों की अस्थमा से मौत हो गई. यह एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसके कारण सांस (World Asthma Day) लेना मुश्किल हो जाता है, इतना ही नहीं कुछ तरह की शारीरिक गतिविधियां करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
इस बीमारी के प्रति लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को दुनिया भर में विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day 2024) मनाया जाता है. इस बार 7 मई को दुनिया भर में विश्व अस्थमा दिवस मनाया जा रहा है.
भारत में अस्थमा के मामले
रिपोर्ट्स की मानें तो अस्थमा की वजह से देश में हर साल 2 लाख से ज्यादा मरीजों की मौत हो जाती है. भारत में अस्थमा काफी तेजी से फैल रहा है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस बीमारी की सही समय पर जानकारी न लग पाने की वजह से ज्यादातर मौतें होती हैं.
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लेकिन अगर सही समय पर इसकी पहचान हो जाए तो इसके खतरों को कम किया जा सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक समय पर इसका इलाज न होने पर कई दूसरी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसे में इसके शुरुआती लक्षणों के बारे में जानना जरूरी है...
अस्थमा के लक्षण
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक अस्थमा का सबसे आम लक्षणों में घरघराहट है. बता दें कि इस स्थिति में एक तरह की कर्कश या सीटी सी आवाज सांस लेने पर निकलती है.–
- खांसी की समस्या विशेषतौर पर रात में, हंसते समय या फिर व्यायाम के दौरान
- सीने में जकड़न की समस्या
- सांस लेने में कठिनाई होना
- बात करने में दिक्कत आना
- बेचैनी या घबराहट की समस्या
- थकान
- छाती में दर्द की समस्या
- तेज-तेज सांस आना
- बार-बार इंफेक्शन की समस्या
- नींद न आने की समस्या
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नोट: हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि आपको किस प्रकार के लक्षण अनुभव होंगे, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको किस प्रकार का अस्थमा है. ऐसी स्थिति में कुछ लोगों को पूरे दिन हर समय ऐसे लक्षण अनुभव होते हैं. वहीं कई लोगों को कुछ गतिविधियों के दौरान ऐसे लक्षण महसूस हो सकते हैं.
अस्थमा से कैसे करें बचाव
- बाहर जाते वक्त हमेशा इन्हेलर अपने पास रखें
- डाॅक्टर से संपर्क में रहें और उनके साथ अस्थमा के लक्षण साझा करें.
- अस्थमा के ट्रिगर्स को पहचानें और उनसे अपना बचाव करें.
- स्वस्थ व संतुलित आहार लें और पर्याप्त फल व सब्जियां खाएं
- स्टीम लें इससे सर्दी व खांसी को ठीक करने में मदद मिलती है.
- बता दें कि विटामिन सी और विटामिन ई से भरपूर आहार लेने से सांस की नली में सूजन कम होती है.
ऐसी स्थिति में गर्म पेय पदार्थ पीते रहें, हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक गर्म पेय पदार्थों में शहद मिलाकर पीने से सांस की नली को आराम मिलता है और लक्षणों में सुधार आता है.
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(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
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भारत में तेजी से बढ़ रही है सांस से जुड़ी ये घातक बीमारी, जानें क्या हैं इसके लक्षण और इससे बचाव के उपाय