डीएनए हिंदी: Zombie Virus- कोरोना वायरस ने जिस तरह से पूरी दुनिया में कहर बरपाया है, उसके बाद किसी और वायरस की दस्तक से भी डर लगता है. रूस के वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक घातक वायरस की खोज की है. वैज्ञानिकों ने जमी हुई झील के नीचे से जॉम्बी वायरस को जिंदा करने का दावा किया है. झील के नीचे दबे 48,500 साल पुराने जॉम्बी वायरस के जिंदा होने से एक विशाल महामारी का खतरा बढ़ जाएगा.
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, फ्रांसीसी वैज्ञानिकों ने जॉम्बी वायरस को पुनर्जीवित करने के बाद एक और महामारी की आशंका जताई है. न्यूयॉर्क पोस्ट ने एक वायरस के अध्ययन का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि इस पुराने वायरस के जीवीत होने से पशु या मानव रोगों के मामले बढ़ सकते हैं और स्थिति और विनाशकारी हो सकती है.
बर्फ पिघलने से ये वायरस जिंदा हो जाएंगे. शोधकर्ताओं का कहना है कि बर्फ पिघलने से कार्बनिक पदार्थ निकलते हैं और इनमें पुनर्जीवित सेलुलर रोगाणुओं (प्रोकैरियोट्स, एककोशिकीय यूकेरियोट्स) शामिल हैं जो पहले निष्क्रिय थे लेकिन अब जीवित हो सकते हैं. इसे सबसे पुराना वायरस करार दिया जा रहा है. यह पिघलने वाला वायरस काफी खतरनाक साबित हो सकता है
यह भी पढ़ें- क्या है लंपी स्किन वायरस, कैसे फैलता है, लक्षण और कारण
कोविड-19 महामारी से खतरनाक हो सकता है वायरस
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अगर ये जीवित हो गया तो कोविड 19 जैसी बीमारी को भी पीछे छोड़ देगा. जिस तरह से ग्लोबल वॉर्मिंग का असर दिख रहा है और बर्फ पिघल रही है, साथ में कार्बनिक पदार्थ कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन में छोड़ रही है, इससे ग्रीनहाउस प्रभाव में वृद्धि होती है.
यह भी पढ़ें- क्या है नोरोवायरस, कोरोना और मंकीपॉक्स से भी ज्यादा खतरनाक है
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Zombie Virus: लगभग 50 हजार साल पुराने जॉम्बी वायरस के जीवित होने का दावा, आ सकती है बड़ी महामारी