Postpartum Depression- नौ महीने अपनी कोख में रखकर अपने बच्चे को इस दुनिया में जन्म देने के बाद हर मां की खुशी सातवें आसमान पर होती है.लेकिन, कई बार बच्चे के जन्म के कुछ दिनों बाद खुशी स्ट्रेस और अवसाद में बदल जाती है. ऐसी स्थिति में मां को चिड़चिड़ापन, गुस्सा, तनाव और अधूरापन महसूस होने लगता है, जिसे पोस्टपार्टम डिप्रेशन’ (PPD) कहा जाता है. आंकड़ों की मानें तो डिलीवरी के बाद हर 8वीं महिला (Postpartum Depression) इस समस्या की चपेट में आ जाती है. आइए जानते हैं क्या है PPD, क्यों होती है ये समस्या और इससे कैसे डील किया जा सकता है...
  
क्या है PPD? 

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबित पोस्टपार्टम डिप्रेशन एक प्रकार का डिप्रेशन है, जो आमतौर पर महिलाओं में बच्चे के जन्म के बाद देखी जाती है. इस स्थिति में महिलाएं इमोशनल इम्बैलेंस, थकान, एंग्जाइटी, स्ट्रेस में रहती हैं. इतना ही नहीं उन्हें अपने बच्चे की देखभाल करने में परेशानी होने लगती है. ऐसे में कभी-कभी चिड़चिड़ापन भी होने लगता है. इलाज की बात करें तो इसके लिए  डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयां और काउंसलिंग की जरूरत होती है. 

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हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान या उसके बाद थकावट, उदासी या निराशा की भावनाओं का अनुभव करना असामान्य नहीं है और अगर ऐसी भावनाएं आपको अपने रोजमर्रा के कामों को करने से रोकती हैं तो यह पोस्टपार्टम डिप्रेशन का संकेत हो सकता है. इसलिए इसपर ध्यान जरूर देना चाहिए. 

क्या हैं इसके लक्षण

एक्सपर्ट्स के मुताबिक पोस्टमार्टम डिप्रेशन के आम लक्षणों में लगातार उदासी, चिड़चिड़ापन, निराशा की भावना और डेली एक्टिविटीज या बच्चे में दिलचस्पी की कमी होना शामिल है. इसके अलावा मां में ज्यादा थकान, नींद और भूख में बदलाव, अपने नवजात बच्चे के साथ बॉन्ड बनाने में मुश्किलें, और गिल्ट, शर्म या वर्थलेस होने की फीलिंग महसूस होते हैं. 

इसके अलावा कुछ मामलों में, पीपीडी में एंग्जायटी, पैनिक अटैक या बेवजह के ख्याल आने लगते हैं, इस स्थिति में कई बार खुद को या बच्चे को नुकसान पहुंचाने का डर भी रहता है. 

क्या है इसकी वजह? 

पोस्टमार्टम डिप्रेशन का कोई एक कारण नहीं है, हार्मोनल चेंजेज, नींद की कमी, मानसिक बीमारी का इतिहास, सपोर्ट की कमी और मदरहुड के लिए इमोशनल एडजस्टमेंट इसके कारणों में से एक हैं. ऐसी स्थिति में लक्षणों को जल्दी पहचानना और प्रोफेशनल हेल्प लेना जरूरी है. ट्रीटमेंट ऑप्शंस में थेरेपी, दवा, सपोर्ट ग्रुप और लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे आराम, न्यूट्रीशन और एक्सरसाइज शामिल हैं.   

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है, अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें)

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क्या है PPD? आखिर डिलीवरी के बाद क्यों इसकी चपेट में आ जाती हैं ज्यादातर महिलाएं
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