डीएनए हिंदीः आजकल लंबे समय तक लैपटॉप पर काम करने, जरूरत से ज्यादा फोन चलाने और अन्य कई कारणों से लोगों को आंखों से जुड़ी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए सभी लोगों को आंखों की गंभीरता से देखभाल करने की सलाह दी जाती है. बता दें कि दुनियाभर में बढ़ती (Glaucoma Symptoms) आंखों की समस्या और अंधेपन का एक कारण ग्लूकोमा को माना जाता है, जिसके बारे में लोगों को जानकारी कम है. ऐसे में तेजी से बढ़ती इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए हर साल के पहले महीने यानी जनवरी को 'ग्लूकोमा अवेयरनेस मंथ' (Glaucoma Awareness Month) के रूप में मनाया जाता है. बता दें कि ग्लूकोमा, आंखों की बीमारियों का एक समूह है जो ऑप्टिक नर्व नामक तंत्रिका को नुकसान पहुंचाकर दृष्टि हानि और अंधापन का कारण बनती है. आइए जानते हैं इस गंभीर बीमारी और इसके लक्षणों के बारे में...
क्या है ग्लूकोमा के लक्षण
बता दें कि ग्लूकोमा के लक्षण इतने धीरे-धीरे शुरू हो सकते हैं कि अक्सर लोग उन पर ध्यान नहीं दे पाते हैं. ऐसे में आपको ग्लूकोमा है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए समय-समय पर आंखों की जांच कराते रहना चाहिए. इसके अलावा कुछ संकेत हैं जिनपर ध्यान देकर आप खतरे को पहचान सकते हैं. आइए जानते हैं इसके लक्षणों के बारे में..
- धीरे-धीरे आपकी दृष्टि में हर जगह धब्बे दिखाई देना
- चीजों को देखने में कठिनाई और अधिक जोर लगाने की जरूरत महसूस करना
- अक्सर सिरदर्द- आंखों में तेज दर्द होना
- दर्द के साथ मतली या उल्टी आना
- धुंधली दृष्टि की समस्या
- रोशनी के चारों रंगीन छल्ले नजर आना.
- आंखों का लाल रहना.
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ऐसी स्थिति में तुरंत कराएं जांच
अगर आपको इनमें से दो-तीन लक्षण महसूस हों तो तुरंत जांच कराएं. इसके लिए किसी नेत्र चिकित्सक से मिलकर आंखों का सही चेकअप कराएं. बता दें कि मोतियाबिंद और आंखों की कुछ और बीमारियों में भी इस तरह की दिक्कत हो सकती है, इसलिए ऐसी स्थिति में समय पर जांच और उपचार शुरू करना आवश्यक हो जाता है.
डाइट में शामिल करें ये चीजें
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक स्वस्थ और पौष्टिक चीजों का सेवन आपको ग्लूकोमा और आंखों की अन्य बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है. बता दें कि ओमेगा-3 फैटी एसिड वाली चीजें ग्लूकोमा के रोगियों के लिए फायदेमंद होती हैं क्योंकि ये इंट्राओकुलर आंखों पर पड़ रहे दबाव को कम करने और आंखों में रक्त प्रवाह को बढ़ाने और ऑप्टिक न्यूरोप्रोटेक्टिव फंक्शन में सुधार करने में मददगार होते हैं.
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लाइफस्टाइल में करें बदलाव
संतुलित ग्लूकोमा से बचाव के लिए आहार के साथ आपको दिनचर्या में भी सुधार करने की जरूरत है. इसके लिए नियमित व्यायाम करें और धूम्रपान से बिल्कुल दूरी बनाएं. इसके अलावा वजन को कंट्रोल में रखना भी जरूरी है. सबसे जरूरी बात आंखों की सेहत में सुधार के लिए स्क्रीन टाइम को कम करना बहुत आवश्यक है. क्योंकि मोबाइल-कंप्यूटर से निकलने वाली नीली रोशनी से आंखों की समस्याओं के बढ़ने का खतरा रहता है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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क्या है ग्लूकोमा? आंखों की रोशनी छीन अंधा बना सकती है ये बीमारी, लक्षण दिखते ही कराएं जांच