बदलती जीवनशैली और खान-पान की अजीब आदतों के कारण हार्ट अटैक की दर बढ़ रही है. बुजुर्गों के साथ-साथ युवाओं में भी दिल के दौरे की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बन गई है. हृदय गति में वृद्धि, हाथों में कमजोरी या सुन्नता, सीने में तेज दर्द आमतौर पर दिल के दौरे के लक्षण माने जाते हैं. लेकिन क्या आपने साइलेंट हार्ट अटैक के बारे में सुना है? साइलेंट हार्ट अटैक को दिल का दौरा माना जाता है. लेकिन लक्षण बहुत कम हैं. साइलेंट हार्ट अटैक में सीने में दर्द या सांस लेने में तकलीफ नहीं होती है.
व्यक्ति समझता है कि सीने में दर्द, बांह-गर्दन में दर्द, अपच जैसी समस्याएं सामान्य हैं. लेकिन ये साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं जो हानिरहित लगते हैं. साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा सामान्य हार्ट अटैक के समान ही होता है. मधुमेह, उच्च रक्तचाप, बुढ़ापा, धूम्रपान, मोटापा, जीवनशैली, हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास, उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों में साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है.
एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 45 प्रतिशत लोगों में हृदय रोग के कोई लक्षण नहीं होते हैं. जिसे साइलेंट हार्ट अटैक माना जाता है. लोग दिल के दौरे को जल्दी नहीं पहचान पाते. लोगों को उचित इलाज भी नहीं मिल पाता है. ऐसे में आइए जानें साइलेंट हार्ट अटैक को कैसे पहचानें.
साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण
- साइलेंट हार्ट अटैक में सीने में दर्द की जगह जलन महसूस होती है.
- कमजोरी और थकान महसूस हो सकती है.
- कई बार साइलेंट अटैक एसिडिटी, अपच, डिहाइड्रेशन और थकान का कारण बनता है.
- साइलेंट हार्ट अटैक तब खतरनाक हो सकता है जब हृदय को रक्त की आपूर्ति कम हो जाए या बंद हो जाए.
- अधिकांश लोग साइलेंट हार्ट अटैक से पहले और बाद में सामान्य महसूस करते हैं.
- साइलेंट हार्ट अटैक के बाद दूसरे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.
साइलेंट हार्ट अटैक आने पर क्या करें?
अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लें. इसके लिए इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम और इकोकार्डियोग्राम के जरिए टेस्ट किया जा सकता है. यह परीक्षण हृदय में होने वाले परिवर्तनों का पता लगा सकता है. आपकी स्थिति के आधार पर, डॉक्टर एंजियोप्लास्टी, हृदय प्रत्यारोपण, बाईपास सर्जरी जैसे उपचार का सुझाव दे सकते हैं
साइलेंट हार्ट अटैक से कैसे बचें
- अपच या सीने में जलन के साथ अन्य लक्षण होने पर घरेलू उपचार के बजाय डॉक्टर से सलाह लें.
- अगर आप दिल के मरीज हैं तो अपने खान-पान को लेकर बेहद सावधान रहें. अपने आहार में स्वस्थ और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें.
- अगर आप ब्लड प्रेशर के मरीज हैं तो नियमित रूप से अपनी जांच कराएं और समय पर दवाएं लें.
- रोजाना व्यायाम करें, इससे आपके शरीर और अन्य अंगों को ठीक से काम करने में मदद मिलती है और हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है. धुआँ
- शराब और सिगरेट जैसी नशीली आदतों से दूर रहें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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साइलेंट हार्ट अटैक क्या है? क्यों बढ़ रहा है खतरा? ये लक्षण दिखते हैं