आजकल यूरिन इंफेक्शन (Urine Infection) की समस्या काफी आम हो गई है और पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Urinary Tract Infection UTI) की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक यूटीआई की स्थिति में मूत्राशय की नली में संक्रमण फैल जाता है. वहीं हर्पीज वायरस (Herpes Virus) या फिर कुछ अन्य फंगी बैक्टीरिया और यीस्ट से भी यूरिनरी ट्रैक्ट (Urinary Tract) संक्रमित हो सकता है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर इसके लक्षणों (Urine Infection Symptoms) पर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो इससे संक्रमण शरीर के अन्य हिस्सों जैसे किडनी, यूट्रस आदि को भी गंभीर रूप से (Urine Infection Effects) प्रभावित कर सकता है, जिससे ये समस्या और ज्यादा खतरनाक हो (UTI Relief) सकती है.
क्या हैं इसके लक्षण
कई मामलों में यूरिन इंफेक्शन की समस्या बार-बार लोगों को अपना शिकार बना लेती है, इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिसपर ध्यान देना बहुत ही जरूरी है. यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है और यह ये इंफेक्शन 7 से 15 दिनों में सही भी हो जाता है. हालांकि, जो लोग बार-बार इसकी चपेट में आ रहें हैं उन्हें यूरिन इंफेक्शन के इन लक्षणों को अनदेखा नहीं करना चाहिए...
- पेशाब करते वक्त जलन होना
- यूरिन का रंग धुंधला होना और बदबू आना
- जल्दी-जल्दी यूरिन पास होना
- या फिर यूरिन की मात्रा कम हो जाना
- महिलाओं के पेल्विस (पेट का निचला हिस्सा) में दर्द
- पुरुषों के रेक्टम में दर्द महसूस होना
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ध्यान दें- इस स्थिति में संक्रमण अगर बढ़ जाए तो ब्लैडर के साथ पीठ में दर्द, बुखार, उल्टी, जी मिचलाना जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं. ऐसे में इन लक्षणों को भूलकर भी अनदेखा न करें..
क्यों बार-बार होती है Urine Infection की समस्या?
यूटीआई संक्रमण के पीछे की सबसे बड़ी वजह बैक्टीरिया ही होते हैं. बता दें कि पर्सनल हाइजीन का सही से ध्यान न रखने, देर तक मूत्र त्याग न करने, मासिक धर्म के दौरान टैम्पॉन या सेनेटरी पैड के इस्तेमाल में असावधानी आदि के कारण यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा डायबिटीज के मरीजों में या फिर गर्भावस्था के दौरान, एंटीबायोटिक दवाओं का ज्यादा सेवन करना, स्टोन की समस्या, पानी की कमी, कमजोर इम्यून सिस्टम जैसे कारण भी यूटीआई का जोखिम बढ़ा देते हैं.
कैसे करें बचाव?
यूरिनरी इंफेक्शन से बचाव के लिए पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखें और ऐसे फैब्रिक के कपड़े पहनें जो पसीना सोख लेते हों, इसके अलावा कमर के नीचे के भाग में ज्यादा टाइट कपड़े पहनने से बचें. वहीं महिलाओं को पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पानी पीने के साथ ही मूत्र त्याग में कोई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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बार-बार हो रहे हैं Urine Infection के शिकार? कहीं आप तो नहीं कर रहे हैं ये गलतियां, तुरंत करें सुधार