विटिलिगो यानी सफेद दाग त्वचा से जुड़ी एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जिसमें स्किन अपना रंग खोने लगती है और त्वचा पर सफेद चकत्ते बन जाते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह एक ऑटोइम्यून डिजीज है जो किसी भी इंसान को किसी भी उम्र में हो सकती है. इस बीमारी को लेकर समाज में कई तरह की गलतफहमियां (Vitiligo Facts And Myths) फैली हुई हैं, जिसके चलते लोग सफेद दाग के मरीजों के साथ अलग-थलग व्यवहार करते हैं. ऐसे में विटिलिगो से जुड़े मिथकों को तोड़ने की जरूरत है.
लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करने के साथ इससे जुड़े मिथकों को दूर करने के उद्देश्य से हर साल 25 जून को वर्ल्ड विटिलिगो डे (World Vitiligo Day 2024) मनाया जाता है...
क्यों होती है सफेद दाग की बीमारी
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब किसी व्यक्ति के शरीर में 'मेलेनोसाइट्स' यानी स्किन का रंग बनाने वाली कोशिकाएं नष्ट हो जाती है तो उसे 'विटिलिगो' या सफेद दाग की बीमारी हो जाती है. इस स्थिति में इम्यून सिस्टम स्किन पिग्मेंट बनाने वाली कोशिका को नष्ट करने लगता है. बता दें कि सफेद दाग की बीमारी होने पर किसी भी तरह का दर्द या कोई दूसरी समस्या नहीं होती.
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क्या हैं सफेद दाग के शुरुआती लक्षण
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि सबसे पहले इसके लक्षण हाथों, चेहरे, बॉडी के खुले हिस्से और जेनिटल एरिया के आसपास देखने को मिलते हैं. इसके बाद बालों के स्कैल्प धीरे धीरे सफेद होने लगते हैं और पलकें, आईब्रो और दाढ़ी का रंग भी सफेद भी सफेद होने लगता है. इतना ही नहीं कई मामलों में मुंह के अंदर और म्यूकस मेम्बरेंस में भी टीशू अपने रंग छोड़ने लगती हैं.
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक विटिलिगो कई तरह के होते हैं जो कई बार शरीर के कुछ हिस्से को ही प्रभावित करता है, लेकिन कुछ मामलों में शरीर की सारी त्वचा अपना रंग खो देती है.
सफेद दाग से जुड़े इन मिथकों पर न करें विश्वास
- बता दें कि सफेद दाग कोई संक्रामक बीमारी नहीं है और न ही ये बीमारी छूने, स्लाइवा या पर्सनल चीजें शेयर करने से फैलती है.
- सफेद दाग से जुड़ी ये गलतफहमी सबसे कॉमन है कि सफेद दाग की समस्या मछली खाने के बाद दूध पीने से होती है. लेकिन ऐसा नहीं है.
- कई लोगों का मानना है कि इसका इलाज संभव नहीं है, लेकिन ज्यादातर मामलों में समय से उपचार लेने पर यह समस्या पूरी तरह ठीक हो सकती है.
- बता दें कि विटिलिगो के इलाज के लिए दवाएं और तकनीक दोनों ही मौजूद हैं. हालांकि ऐसा हो सकता है कि इसका उपचार लंबे समय तक चले.
- कई लोग कहते हैं कि यह समस्या के खट्टी चीजों के सेवन से भी हो सकता है, लेकिन आपको बता दें कि इसका खानपान से कोई लेना-देना नहीं है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक किसी भी खास तरह की चीज खाने से न ही यह बढ़ता है और न कम होता है.
- इस बीमारी को लेकर लोगों में यह गलतफहमी है कि इसके कारण मरीज मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर हो जाता है. लेकिन ऐसा नहीं है. यह स्किन से जुड़ी हुई बीमारी है और इससे शरीर को कोई भी दूसरा अंग प्रभावित नहीं होता है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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World Vitiligo Day 2024
सफेद दाग नहीं है छुआछूत की बीमारी, जानें क्यों होता है ये रोग और क्या हैं इसके शुरुआती लक्षण