डीएनए हिंदीः तांबे के बर्तन से पानी पीना स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है लेकिन कुछ ऐसे पेय और खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें कभी भी धातु से बने बर्तन से नहीं पीना चाहिए. वे अलग-अलग प्रतिक्रियाओं के कारण जहरीले हो सकते हैं.
ये बात सही है कि सुबह तांबे के लोटे या बॉटल में रातभर रखा पानी पीने से कई तरह की शारीरिक दिक्कतें दूर होती हैं. ये पानी पेट, किडनी और लीवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है. यह कमजोर पड़ने वाली प्रणाली को मजबूत करने में भी मदद करता है और वजन घटाने से लेकर अर्थराइटिस के दर्द, कोलेस्ट्रॉल, हाई बीपी में भी मददगार होता है. लेकिन जरा सी चूक इन सारे फायदों को दरकिनार कर इस पानी को जहरीला बना देती है.
Vitamin D Overdose: जरूरत से ज्यादा ली विटामिन डी तो शरीर के लिए बन जाएगी Toxic, जानिए कैसे ?
न्यूट्रिशनिस्ट प्रतिभा सिंह बताती हैं तांबे के बर्तन में रखा पानी फायदेमंद हो इसके लिए कुछ गलतियों को करने से बचना होगा. कई बार लोगों तांबे के फायदे जानकर उसके बर्तन में कुछ भी पका या पी लेते हैं.ये भूल किडनी को डैमेज करने से लेकर फूड प्वॉयजनिंग तक के लिए जिम्मेदार हो जाती है. तो चलिए जानें कि कब ताबें रखा पानी या कोई फूड जहरीला हो जाता है. नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेस के अनुसार तांबे की अधिक मात्रा के कारण मस्तिष्क को उस प्रोटीन को कम करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है जिसे मनोभ्रंश (डिमेंशिया) का प्रमुख कारण माना जाता है. ये हार्ट अटैक से लेकर
तांबे में कभी न रखें ये चीजें
छाछ
छाछ या दही जैसी चीजें तांबे के गिलास बिलकुन नहीं पीनी चाहिए. क्योंकि इसमे मौजूद गुण धातु के साथ प्रतिक्रिया करते हैं जो प्रतिकूल असर शरीर पर डालते हैं. साथ ही दही या छाछ के अच्छे गुण भी खत्म हो जाते हैं.
दूध
तांबे के बर्तन में पानी के अलावा दूध से बनी कोई भी चीज भूलकर भी नहीं खानी चाहिए. दूध में मौजूद खनिजों और विटामिन कॉपर के साथ प्रतिक्रिया करते हैं जो फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकते हैं. इतना ही नहीं, प्रतिक्रिया के कारण मतली और घबराहट का भी अनुभव का खतरा रहता है.
खट्टी चीजें
नींबू पानी से लेकर कोई भी खट्टी चीज तांबे के बर्तन में न रखें. ये खाद्य पदार्थ तांबे के साथ प्रतिक्रिया करते हैं और कॉपर के साथ मिलकर जहर समान बन जाते हैं. ये किडनी तक को डैमेज कर सकते हैं.
तांबे के बर्तन में पानी 10 से 12 घंटे से अधिक न रखें
कॉपर शरीर के लिए फायदेमंद होता है. खास कर के ये पाचन क्रिया के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इसके अलावा अगर किसी को लिवर संबंधित समस्या है तो उसे तांबे के बर्तन में पानी रखकर पानी चाहिए. नॉर्मल इंसान को 0.90 मिलीग्राम कॉपर लेने की जरूरत होती है. अगर कोई 3 ग्राम से ज्यादा कॉपर लेता है तो उसे हार्ट की बीमारी हो सकती है. इसके अलावा अगर किसी को आंतों में सूजन यानी (अल्सरेटिव कोलाइटिस) की समस्या है और वो अधिक मात्रा में कॉपर लेता है तो उसकी बीमारी बढ़ सकती है. बॉडी में कॉपर की अधिकता से लिवर खराब होने की संभावना रहती है.
ओवरडोज हो रहा है, ये कैसे पता करें
अगर शरीर में रैशेज हो रहे हैं तो समझ लीजिए कि ओवर डोज हो रहा. इसके अलावा अगर अचानक वजन घटना, वॉमिटिंग, पेट में ऐंठन, सिर दर्द, डायरिया जैसी परेशानियों हो रहीं तो तांबे के ओवरडोज का संकेत हो सकता है.
कितना कॉपर लेना सही
1 से 3 साल का बच्चा एक दिन में 0.34 मिलीग्राम कॉपर कन्ज्यूम कर सकता है. वहीं 19 साल से अधिक उम्र के लोग खाने और दूसरी चीजों से 0.90 मिलीग्राम कॉपर का सेवन कर सकते हैं. जबकि एक दिन में गर्भवती महिलाएं 1 मिलीग्राम और ब्रेस्ट फीडिंग करवाने वाली महिलाएं 1.3 मिलीग्राम कॉपर ले सकती हैं.
जान लें कॉपर से जुड़ी ये बात
कॉपर को उन खाद्य पदार्थों के संपर्क में आने से प्रतिबंधित किया गया है जिनका पीएच स्तर 6.0 से कम है. तांबे की उच्च सांद्रता जहरीली होती है और इससे खाद्य जनित बीमारी होती है. जब तांबे और तांबे की मिश्र धातु की सतह अम्लीय खाद्य पदार्थों से संपर्क करती है तो तांबा भोजन को जहरीला बना देता है.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
इस गलती से तांबे में रखा पानी बन जाता है जहर, कॉपर का ओवरडोज भी है जानलेवा