कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने जब अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के कैंसर इलाज में  हल्दी, नीम, चुकंदर, अनार,नींबू जैसे कई तरह के फल व मसालों और घरेलू नुस्खों को शामिल किए जाने की  बात की गई थी और नेचुरोपैथी (Naturopathy) से फोर्थ  स्टेज कैंसर ठीक होने की बात कही थी तो न केवल उनके खिलाफ एलोपैथिक डॉक्टर्स मानो बिफर ही गए थे.  नवजोत  सिंह सिद्धू को अपनी पत्नी का प्रिस्क्रिप्शन तक शेयर करना पड़ गया था. 

यही नहीं उनका यह बयान सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल किया गया था. उनके इस  दावे पर कई सवाल भी उठाए गए. लेकिन अब गुड़गांव के अस्पताल में निदेशक पद पर कार्यरत ऑंकोलोजिस्ट डॉ. मनदीप सिंह मल्होत्रा सामने आए हैं, जिन्होंने  एकबार फिर से हल्दी, ग्रीन टी,अनार, प्याज और बेरी, नींबू जैसे कई फल और मसालों को कैंसर पेशेंट (Cancer Patients) के खान पान में शामिल कर बीमारी को ठीक करने की बात कही है. 

आर्युर्वेद और नेचुरपैथी से कैंसर के इलाज

डॉ. मनदीप ने इस दौरान ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर और माउथ कैंसर के मरीजों  को कस्टमाइज  ट्रीटमेंट कर ठीक करने का दावा  भी किया है. बता दें कि ये  सभी मरीज लगभग फोर्थ स्टेज पर ही डॉ. मनदीप तक पहुंचे थे.  न्यूजीलैंड की कमाला, ओवेरियन कैंसर से पीड़ित थीं. डॉ मनदीप ने उन्हें मीडिया को मिलवाया. कमाला को जब कैंसर के बारे में पता चला तो वह ऑलरेडी एडवांस स्टेज यानी स्टेज 4 पर थीं. कैंसर के ठीक होने की उम्मीद न के बराबर थी. कमला का ये कैंसर दुनिया में महज 17 मामलों में से एक है जिन्हें सिस्टिक टेराटोमा से स्क्वामस सेल कार्सिनोमा शामिल है.

भारत आने से पहले कमाला की दो सर्जरी हुई लेकिन ट्यूमर का बढ़ना नहीं रुका था. DNA से बातचीत में कमाला ने बताया कि किस तरह से न्यूजीलैंड में उनके लिए कुछ और नहीं बचा था उन्होंने आर्युर्वेद और नेचुरपैथी से कैंसर के इलाज के बारे में सुना था और उनकी ये खोज उन्हें डॉ. मनदीप सिंह मल्होत्रा तक लाई. 

जेनेटिक प्रोफाइल के साथ न्यूट्रीशन इंटरवेंशन से इलाज 

कमाला ने बताया, "स्कैन में पेल्विक पेरिटोनियम,लिंफ नोड्स और फेफड़ों में भी मेटास्टेसिस का पता चला था." कमाला का ट्रीटमेंट शुरू किया गया जिसमें हॉलिस्टिक एप्रोच शामिल किया गया और कीमोथेरेपी के साथ जेनेटिक प्रोफाइलिंग भी की गई.  साथ ही  न्यूट्रीशन इंटरवेंशन भी किया गया, जिसमें करक्यूमिन (हल्दी में पाया जाने वाला यौगिक) और विटामिन सी को उनके खान पान में भरपूर रूप से शामिल किया गया. 3 महीने लगातार इलाज के बाद आज वह पूरी तरह से कैंसर मुक्त हो चुकी हैं.

कमाला अकेली नहीं हैं इनके साथ  चंडीगढ़ और कई  देशों के मरीज इस  जेनेटिक  प्रोफाइल के साथ न्यूट्रीशन  इंटरवेंशन वाला कस्टमाइज इलाज करवा रहे हैं या फिर करवा कर ठीक हो  चुके हैं.हालांकि, डॉ. मनदीप सिंह मल्होत्रा के इलाज के इस पैटर्न ने एक बार फिर सवाल खड़ा किया है कि क्या आज जरूरत  है इंटीग्रेटिव मेडिसिन की? क्या इससे इलाज संभव  है?

इंटीग्रेटिव ट्रीटमेंट क्या है?

डॉक्टर मनदीप ने DNA को बताया कि हमारे कैंसर के इलाज में कन्वेंशनल ट्रीटमेंट को नहीं  रोका जाता है बल्कि  कीमोथेरेपी और सर्जरी के साथ हम पर्सनलाइज न्यूट्रीशन और आयुर्वेद का सहारा लेकर मरीज का हॉलिस्टिक इलाज कर रहे हैं  जिसका फर्क हमें मरीजों पर सीधे तौर पर दिख रहा है. आर्ट ऑफ हीलिंग सेंटर के को-फाउंडर अर्पन तलवार ने बताया कि इस पूरे ट्रीटमेंट में हमने किसी भी मरीज से कीमोथेरेपी और सर्जरी को न कराने की बात नहीं की है बल्कि एलोपैथिक इलाज के साथ हम  ट्रेडिशनल ट्रीटमेंट जोड़कर किसी भी बीमारी के इलाज को और  बेहतर करने की तरफ आगे  बढ़े हैं और इसका हमें फायदा भी देखने को मिला है. 

डॉ. मनदीप बताते हैं, ' हर मरीज के कैंसर के  हिसाब से उनका  इलाज कस्टमाइज  किया जाता है.' फिलहाल उन्होंने ओरल, ब्रेस्टऔर  ओवेरियन कैंसर का ही इलाज किया है. वह बताते हैं," कीमोथेरेपी की दवा के साथ हम कैंसर का जीन किस  तरह से काम कर रहा है  उसके हिसाब से खान पान तक को कस्टमाइज करते हैं."

डॉ. मल्होत्रा बताते हैं कि हमारा खास ध्यान ट्यूमर के ग्रोथ पर होता है, यदि कोई कैंसर ऐसा है जिसमें प्रोटीन बहुतायत में है तो हम उस  मरीज के खान पान से हाई प्रोटीन डायट हटा देते हैं क्योंकि वो हार्मफुल हो जाता है. डॉ. मनदीप ने हमें यह भी बताया कि  यूरोपियन रिसर्च में इस पूरे सिस्टम को मॉलिक्यूलर ट्यूमर बोर्ड का नाम दिया है और इसका वहां खूब स्वागत भी किया गया है. 

अपने खान पान में शामिल करें ये चीजें

 डॉ.  मनदीप ने हमें बताया कि उन्होंने अभी  तक ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर और माउथ  कैंसर का ही इलाज किया  है. वह आगे कहते हैं कि खान पान में लोगों के हल्दी और विटामिन सी जैसी चीजें बढ़ाने की हिदायत अपने मरीजों को दे रहा हूं.

हल्दी को करक्यूमिन कहा जाता है..हालांकि इसे भारत की स्पाइस का राजा  भी कहते हैं. यह एंटीसेप्टिक तो होता ही है अगर रिसर्च पर नजर डालें तो इसमें  मौजूद करक्यूमिन एंटी-इनफ्लैमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट,कीमोप्रिवेंटिव और कीमोथेरैपैटिक एक्टीविटी में यूज किया जाता  है. इसपर दुनियाभर में काफी रिसर्च भी हुई हैं और कई जरनल भी पब्लिश हो चुके हैं.


बेरीज भी कैंसर के इलाज में खूब पॉपुलर है. भारत में जामुन  खूब पॉपुलर है जो डायबिटीज के मरीज खाते  हैं. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और केमिकल से दिल की  बीमारी को कम करने  से लेकर टाइप 2 डायबिटीज के रिस्क को तो कम करता है साथ ही न्यूरोलॉजिकल डिसोर्डर और कैंसर के इलाज में भी मददगार साबित होता है

ग्रीन टी पीने की  सलाह मोटापा को कम  करने के लिए तो काफी समय से दी जा रही है  लेकिन क्या आप जानते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में भी इसका भरपूर उपयोग किया जाता है. रिसर्च  से  ये पता चला है कि ब्रेस्ट  कैंसर की रोकथाम में ग्रीन टी पीने से कैंसर सेल्स  की ग्रोथ नहीं होती है. यह इम्यून सिस्टम  को बूस्ट करता है. एंटी ऑक्सीडेंट होने के कारण  ये स्ट्रेस, दिल की बीमारी और जलन  को भी कम  करता है. बता  दें कि ग्रीन टी में एपीगैलोकैटीन-3 गैलैट यानी egcg नाम का रसायन पाया जाता है जो कैंसर की रोकथाम में अहम रोल निभाता  है.

प्याज  में सलफर होता  है जो  ओवरी  में ट्यूमर के विकास को रोकता है साथ ही ओवेरियन कैंसर को भी रोकने में काम आता है.यही नहीं  प्याज  में  फाइसेटिन और क्वेरसेटिन भी होते हैं, जो फ्लेवोनोइड एंटीऑक्सीडेंट हैं जो ट्यूमर के विकास को रोक सकते हैं. अनार को सुपरफूड  की  कैटेगरी  में रखा गया है. 

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turmeric onion to pomegranate can treat cancer by nutrition intervention integrative treatment kya hota hai
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हल्दी, जामुन, प्याज और अनार को डेली डायट में शामिल कीजिए, इन कैंसरों के इलाज मे
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Exclusive: इन कैंसर में रामबाण है हल्दी, जामुन, प्याज और अनार, डेली डायट में कर लें शामिल

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