डीएनए हिंदीः अगर आपको लगता है कि दिल का दौरा या स्ट्रोक की वजह केवल हाई कोलेस्ट्रॉल या हाई ब्लड प्रेशर ही होते हैं तो आपको बता दें कि नए शोध में खराब ओरल हेल्थ यानी मुंह की गंदगी और उससे होने वाले संक्रमण के कारण भी हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे का जोखिम पाया गया है.
दांतों की गंदगी से लेकर मसूड़ों की बीमारी और जीभ के साफ न रहने से दिल और दिमाग पर खतरे की बात चौकाने वाली है, ब्रश और टंग फ्लॉस यानी जीभ को साफ न करने से मुंह में पैदा होने वाले बैक्टिरिया दिल को भी नुकसान देते हैं. कैसे, चलिए विस्तार से जानें.
जापान में हिरोशिमा विश्वविद्यालय की एक टीम के शोध में मसूड़े और हृदय के साथ ही मस्तिष्क के स्वास्थ्य के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध पाया गया. हृदय रोग वाले 76 प्रतिभागियों के एक अध्ययन से उन्होंने पीरियंडोंटाइटिस, जो कि एक गंभीर मसूड़े के संक्रमण है और एट्रियल फाइब्रोसिस के बीच एक कड़ी देखी गई है. यह एक ऐसी स्थिति है जो अनियमित और अक्सर असामान्य रूप से तेज़ हृदय गति का कारण बनती है.
आलिंद फिब्रिलेशन वाले लोगों में स्ट्रोक और यहां तक कि दिल की विफलता का उच्च जोखिम होता है, जो दोनों घातक हो सकते हैं.
शोधकर्ता शुनसुके मियाउची ने पाया है कि पीरियडोंटाइटिस लंबे समय से चली आ रही मसूड़े की सूजन से जुड़ा होता है, और ये सूजन एट्रियल फाइब्रोसिस और एट्रियल फाइब्रिलेशन का कारण बनता है. शोध में पाया गया की पीरियोडोंटाइटिस एट्रियल फाइब्रोसिस को बढ़ा देता है. साफ शब्दों में कहें तो जीभ पर जमा बैक्टीरिया दिल में 'गंभीर संक्रमण' पैदा कर सकता है.
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शोध में पाया गया कि जिन लोगों को मुंह, दांत, मसूड़े या जीभ से जुड़ी किसी भी तरह की बीमारी थी, उनके दिल के दौरे और स्ट्रोक के खतरे ज्यादा मिले थे, यही नहीं छाले के बार-बार होने के कारण भी ये खतरा ज्यादा देखा गया था, यानी ओरल हाइजीन की कमी से दिल और दिमाग दोनों को खतरा होता है.
पीरियडोंटाइटिस के जोखिम को बढ़ाने वाले कारकों में शामिल हैं:
- मसूड़े की सूजन
- खराब मौखिक स्वास्थ्य की आदतें
- धूम्रपान या तंबाकू चबाना
- हार्मोनल परिवर्तन, जैसे कि गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति से संबंधित
- नशीली दवाओं का उपयोग, जैसे मारिजुआना या वापिंग
- मोटापा
- विटामिन सी की कमी
- कुछ दवाएं जो शुष्क मुंह या मसूड़ों में परिवर्तन का कारण बनती हैं
- ऐसी स्थितियां जो प्रतिरक्षा में कमी का कारण बनती हैं, जैसे कि ल्यूकेमिया, एचआईवी / एड्स और कैंसर का इलाज
- कुछ बीमारियां, जैसे मधुमेह आदि.
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स्थिति के लक्षणों में शामिल हैं:
- सूजे हुए मसूड़े
- चमकीले लाल, सांवले लाल या बैंगनी रंग के मसूड़े
- मसूड़े जिन्हें छूने पर नर्म महसूस हो
- मसूड़े जिनसे आसानी से खून बहता हो
- ब्रश करने के बाद गुलाबी रंग का टूथब्रश
- ब्रश या फ्लॉस करते समय खून आना
- बदबूदार सांस
- दांतों और मसूड़ों के बीच मवाद
- ढीले दांत या दांतों का टूटना
- दांत दर्द
- दांतों के बीच नई जगह विकसित हो रही है
- मसूड़े जो दांतों से दूर हो जाते हैं (पीछे हट जाते हैं), जिससे दांत सामान्य से अधिक लंबे दिखने लगते हैं
ऐसे करे बचाव
दिन में दो बार दांतों को ब्रश करें. खाने के बाद जरूर ब्रश करें और गर्म पानी में नमक डालकर कुल्ला करके ही सोएं, जीभ को साफ रखें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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