डीएनए हिंदीः शरीर बेहतर तरीके से काम करें इसके लिए जरूरी है कि आपके हार्ट (Heart) तक आसानी से ब्लड (Blood Circulation) पहुंचे और हार्ट पंपिंग (Heart Pumping) कर इस ब्लड को वापस शरीर के कोने-कोने तक पहुंचा दे. हाई कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol) , हाई बीपी (High Blood Pressure) या हार्ट संबंधित बीमारी या क्लॉटिंग (Blood Clotting) के कारण हार्ट पर प्रेशर (Pressure on Heart) पहुचता है और पपिंग की प्रक्रिया बाधित होती है.
हार्ट के पंपिंग पावर कंट्रोल में रखने के लिए दिल के दोनों चैंबर्स का बेहतर काम करना जरूरी है. तो चलिए जानें कि दिल की पंपिंग पावर यानी इजेक्शन फ्रैक्शन (ejection fraction) को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है, ताकि दिल की बीमारी या हार्ट अटैक से बचा सके.
यह भी पढ़ें: Heart Disease: पैरों की हालत बता देगी दिल का हाल, ऐसे पहचानें अटैक के खतरे को
जानें दिल के सही पंप न करने के नुकसान
जब हार्ट सही पंप नहीं कर पाता तो इससे हार्ट रेट असंतुलित होने लगती है. कभी हार्ट बीट तेज तो कभी कम हो सकती है. कम इजेक्शन का मतलब है कि दिल से पर्याप्त रक्त पंप नहीं हो पाना और हार्ट पर प्रेशर पड़ रहा है. जब हार्ट की मांसपेशी ब्लड को उतनी अच्छी तरह पंप नहीं करती जितनी उसे करनी चाहिए तब ब्लड अक्सर बैक अप लेता है और फेफड़ों और पैरों में तरल पदार्थ का निर्माण करता है. तरल पदार्थ का निर्माण सांस की तकलीफ और पैरों की सूजन का कारण बनती है.
हार्ट पंपिंग सही न होने के लक्षण
- दिल की धड़कनें अचानक से बढ़ जाना
- बहुत अधिक थकान होना
- पैरों में सूजन की समस्या होना
- पल्स रेट का अनियमित रहना
- गर्दन की नसों में उभार आना।
- लगातार खांसी रहना
- पेट में सूजन आना
- सांस लेने में समस्या होना
- भूख ना लगना
यह भी पढ़ें: Chest Pain होने पर कराएं ये 6 जरूरी टेस्ट, Heart रिलेटेड हर परेशानी का चलेगा पता
क्या करें जब हार्ट की पपिंग हो स्लो
- फिजिकल एक्टिविटी जैसे टहलना शुरू कर दें. हल्की एक्सरसाइज करें.0
- तला-भुना या जंक फूड छोड़कर फाइबर रिच फूड लें. ताजी सब्जियां खाएं और विटामिन सी युक्त फल लें.
- वजन कम करने का प्रयास करें.
- नमक और चीनी दोनों ही बेहद कम कर दें. सोडियम से दिल को खतरा होगा इसलिए पोटेशियम रिच डाइट लें.
- शराब और कैफीन या स्मोकिंग से एकदम दूरी बना लें.
- डॉक्टर की बताई दवाएं और एक्सरसाइज पर ध्यान दें.
यह भी पढ़ें: Heart Disease: ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम से भी होता है सीने में दर्द, जा सकती है जान भी, पहचाने लक्षण
समझ लें हार्ट पंपिंग है खतरे के निशान पर
नॉर्मल इजेक्शन फ्रैक्शन (50% से 70%) होना चाहिए. सामान्य से थोड़ा नीचे (41% से 49%) का मतलब है,
आपका दिल पूरे शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन शरीर में पहुंचाने के लिए संघर्ष कर रहा है और इससे कम होना यानी हार्ट पर खतरा मंडराना है. 30 प्रतिशत पहुंचने पर हार्ट अटैक की संभावना तय है. सामान्य से मामूली नीचे (30% से 40%) में मरीजों को कम लक्षण महसूस हो सकते हैं जबकि सामान्य से कम (30% से कम) में मरीजों में हृदय ताल की गड़बड़ी का खतरा बढ़ जाता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर
- Log in to post comments
ये हैं स्लो हार्ट पंपिंग के लक्षण, ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के लिए आजमाएं ये 5 तरीके