डीएनए हिंदीः अगर आपके घुटने से नीचे पैर में सूजन लगातार बनी हुई है तो इसे हल्के में न लें, क्योंकि ये कई गंभीर बीमारियों का शुरुआती संकेत हो सकता है. पैरों में सूजन बहुत काम या चलने से होती है तो कुछ ही घंटों में आराम करने से कम हो जाती हैं. कई बार बहुत ठंड में पैरों कि उंगलिया सूज जाती हैं, लेकिन ये भी अस्थाई होता है, लेकिन अगर बिना किसी वजह के ही आपके पैर में सूजन बनी हुई है तो ये सही संकेत नहीं है.
अगर सांस की तकलीफ के साथ-साथ पैरों में सूजन हो या छाती में दर्द हो या छाती में दबाव हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. ये कुछ गम्भीर बीमारियों के लक्षण हो सकते हैं. वहीं अगर लंबे समय तक पैर लटकाने से तलवों मे सूजन आ रही तो इसके पीछे के संभावित कारण जान लें.
हाई कोलेस्ट्रॉल और पेरिफेरल आर्टरी डिजीज
कार्डियोवास्कुलर लैब्स ऑफ अमेरिका (सीएलए) के अनुसार, लगातार कोलेस्ट्रॉल के स्तर में बनी रहने वाली वृद्धि, समय के साथ पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (पीएडी) के खतरे को बढ़ा सकती है. इसके कारण पैरों में भारीपन महसूस होता रहता है, इसे शुरुआती संकेत माना जाता है.
बचावः संतृप्त वसा वाले खाद्य पदार्थ कोलेस्ट्रॉल में उच्च हो सकते हैं. ऐसे खाद्य पदार्थ चुनें जिनमें संतृप्त वसा, ट्रांस वसा, सोडियम (नमक) और अतिरिक्त शक्कर की मात्रा कम हो. इन खाद्य पदार्थों में दुबला मांस शामिल है; समुद्री भोजन; वसा रहित या कम वसा वाला दूध, पनीर और दही; साबुत अनाज; और फल और सब्जियां.
आर्थराइटिस के कारण
रुमेटॉयड आर्थराइटिस एक ऐसी गंभीर स्थिति है जिसमें शरीर के जोड़ों में दर्द, सूजन और जकड़न हो जाती है. इससे भी घुटनों से लेकर तलवे और एड़ियों में सूजन आ जाती है.
बचावः सूजन और आर्थराइटिस से बचाव के लिए यूरिक एसिड को कंट्रोल करना होगा, हाई प्रोटीन डाइट से बचने के साथ वेट कम करने और रेग्युलर एक्सरसाइज करनी होगी.
किडनी की समस्या
जिन लोगों की किडनी ढंग से काम नहीं करती हैं उनकी उपरी बॉडी में फ्लूइड (तरल पदार्थ)इकठ्ठा हो जाता है. किडनी की बीमारियां ज्यादा लक्षण नहीं दिखती हैं. खास कर जब तक जब आप की किडनी बहुत गंभीर हालत में नहीं आ जाती है और इस स्थित में किडनी डैमेज भी हो सकती है. इसके लक्षणों मे सांस फूलना, बहुत कम बार यूरिन के लिए जाना, थक जाना व कोमा में जाना आदि शामिल हैं.
बचाव : किडनी बीमारियों को ठीक करने के लिए आप दवाइयां, लो प्रोटीन डाइट, विटामिन डी व कैल्शियम के सप्लीमेंट्स ले सकते हैं. किडनी फेल होने पर डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट एक उपाय है.
हृदय रोग के कारण
कई बार आप के पैर इसलिए भी सूज जाते हैं क्योंकि आप के हृदय में किसी प्रकार की कोई क्षति हो जाती है, तो वह अच्छे से ब्लड को पंप नहीं कर पाता है. यदि आप का हृदय ब्लड पंप नहीं करता है तो वह पानी व नमक रिटेंशन करने लगता है. जिस कारण आप के पैरों में सूजन हो जाती है. इस के लक्षणों में धड़कन तेज होना, सांसे फूलना, कमजोरी होना, थकान, छिकना, भूख न लगना आदि शामिल हैं.
बचाव : यदि आप को इस प्रकार के लक्षण महसूस होते हैं तो आप को तुरन्त डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए. यदि आप का हृदय काम करना बंद कर देता है तो आप को हृदय ट्रांसप्लांट सर्जरी की भी आवश्यकता पड़ सकती है.
लिम्फेडेमा भी है वजह
हमारे शरीर का लिम्फेटिक सिस्टम , टॉक्सिंस व बैक्टेरिया आदि को हमारे शरीर से बाहर निकालता है. यदि यह अपना काम करना बंद करदे, तो आप के शरीर में इन चीजों का जमाव हो जाता है. इस वजह से वहां इंफेक्शन या सूजन होने लगती है. इसके लक्षणों मे दर्द होना, इंफेक्शन, स्किन टाइट होना आदि हैं.
बचाव : इस के उपचार के लिए आप लिम्फेडेमा के लिए बनी कुछ स्पेशल एक्सरसाइज कर सकते हैं.जिस किसी का भी कैंसर का इलाज हुआ हो और सूजन का अनुभव हो, उसे तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
वीनस इंसफिसिंसी के कारण
यह समस्या तब आती है जब आप के शरीर में खून का बहाव साधारण रूप से नहीं होता है. ऐसा वॉल्व्स़ (रक्त शिराओं की दीवारें) के डैमेज होने के कारण होता है और ब्लड वेसल्स से लीक होने लगता है. इसके लक्षणों मे पैरो में दर्द होना, स्किन अल्सर, इंफेक्शन आदि हैं.
बचाव : यदि आप को यह लक्षण महसूस होते हैं तो तुरन्त अपने डॉक्टर से चैक कराएं और अपनी लाइफस्टाइल मे भी कुछ बदलाव करें जैसे एक्सरसाइज करना आदि.
लिवर से जुड़ी बीमारी
कई बार आप का लिवर एल्बुमिन नाम का प्रोटीन बनाना बंद कर देता है. यह वह प्रोटीन होता है जो आप की रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसल्स) से ब्लड को लीक होने से बचाता है. यदि आप के शरीर में इस प्रोटीन कि कमी होती है, तो इसका मतलब है कि अब आप की ब्लड वेसल्स से ब्लड लीक हो सकता है. इसके कारण आप के पैरों में (तरल पदार्थ) फ्लूइड इकठ्ठा हो जाता है और पैरों में सूजन आ जाती है. इसके कारण आप को पीलिया, चोट लगना, भूख न लगना, यूरिन के रंग में बदलाव व शरीर में ऊर्जा की कमी आदि होने जैसे लक्षण महसूस होते हैं.
बचाव : इस प्रकार की बीमारी को ठीक कराने के लिए आप को सबसे पहले डॉक्टर के पास जाना चाहिए. डॉक्टर आप को वजन कम करने व शराब का सेवन कम करने जैसे लाइफस्टाइल मे कुछ बदलाव करने को भी बोल सकते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर
- Log in to post comments
घुटने से पैर के तलवे तक में सूजन और दर्द, इन गंभीर बीमारियों का है शुरुआती संकेत