डीएनए हिंदी: अगर हर समय में गैस की समस्या और दर्द रहता है तो इसे हल्के में न लें. यह सिर्फ गैस ही नहीं, कैंसर जैसी घातक बीमारी का संकेत हो सकती है. इसकी वजह रिप्रोडक्टिव ऑर्गन प्रजनन अंग में फैलने वाले कैंसर के ज्यादातर लक्षण ऐसे ही होते हैं. इसे पहचानने और दिखाने में देरी करने पर यह कैंसर घातक बन जाता है. कई बार यह शरीर का अंग काटकर निकालना पड़ता है. यह सर्वाइकल कैंसर की शुरुआत भी हो सकती है.
दरअसल यूटरस के माउथ को सर्विक्स कहते है. ऐसे में इसमें होने वाले कैंसर को सर्वाइकल कहा जाता है. वहीं रिप्रोडक्टिव ऑर्गन में होने वाले कैंसर को मेडिकल टर्म में गायनेकोलॉजिकल कैंसर भी कहा जाता है. इसका सबसे ज्यादा खतरा महिलाओं में होता है. इनमें सबसे पहला ब्रेस्ट कैंसर है. इसके बाद सर्वाइकल कैंसर और फिर यूटरस कैंसर होता है.
Iron Rich Food: शरीर में खून की कमी को दूर कर देंगे ये 5 फूड्स, भरपूर मात्रा में मिलेगा आयरन
पहले की तुलना में कम हुए केस
रिपोर्ट्स की मानें तो पहले की तुलना महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और यूटरस कैंसर में कमी आई है. अभी भी देश भर में करीब 94 हजार महिलाएं इन तीनों तरह के कैंसरों से जूझ रही हैं. इन कैंसरों में सर्वाइकल कैंसर ज्यादातर 5 से 6 बच्चों को जन्म देने वाली मामाओं में होती हैं. इसकी वजह ज्यादा बच्चे होने की वजह से साफ सफाई का ध्यान नहीं रख पाना है. हालांकि अब इसे कैंसर से बचने के लिए 15 से 45 साल की उम्र में एचपीवी का वैक्सीनेशन करा सकते हैं, जो सर्वाइकल कैंसर से बचाता है. एक्सपर्ट्स की मानें तो कैंसर से बचाने वाली एचपीवी वैक्सीनेशन को छोटी उम्र में लगवाना ज्यादा फायदेमंद होता है. यह सर्वाइकल कैंसर से बचाता है. इसके खतरे को 80 प्रतिशत तक कम कर देता है.
वाइट डिस्चार्ज भी हो सकता है कैंसर का संकेत
एक्सपर्ट्स डॉक्टर्स के अनुसार रिप्रोडक्टिव में दूसरा कैंसर यूटरस से संबंधित होता है. इसके लक्षण वाइट डिस्चार्ज के बढ़ने पर लगता है. पीरियड्स के दौरान महिलाओं को ज्यादा वाइट डिस्चार्ज होने पर अनदेखा नहीं करना चाहिए. इसमें जिझकने की जगह तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें. इसे इग्नोर करने पर बच्चेदानी का कैंसर बनने का खतरा रहता है. यह 8 से 15 साल प्री स्टेज पर होता है. इस समय में इसका पता लगने पर कैंसर को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन इस समय के बाद यह कैंसर जानलेवा बन जाता है.
महिलाओं में मोटापे से भी बढ़ रहे कैंसर के केस
डॉक्टरों का दावा है कि ओवरे में कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसके लक्षणों में मुख्य रूप से गैस बनना, खट्टी डकार आना, स्किन पर वाइट दाग और मस्से हो रहे हैं तो इसे हल्के में न लें. लगातार इन लक्षणों के दिखने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं. अल्ट्रासाउंड करा लें. महिलाओं में मोटापे की वजह से भी कैंसर के मामले बढ़ते हैं. ऐसे में समय रहते चेकअप कराकर इसे बचा जा सकता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
महिलाएं हर दिन रहती हैं गैस से परेशान तो न करें नजरअंदाज, कैंसर जैसी घातक बीमारी का हो सकता है संकेत