मेडिकल साइंस दिन-ब-दिन तरक्की करता जा रहा है. पिछले खुछ सालों में मेडिकल साइंस (Medical Science) ने कई लाइलाज बिमारियों को इलाज खोज निकाला है. वैज्ञानिकों की नई-नई रिसर्च इंसानी शरीर को स्वस्थ रखने और बीमारियों को जड़ से खत्म करने में काफी मददगार साबित हो रही हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक अब वैज्ञानिक इंसानी शरीर की कोशिकाओं (Atlas Of Human Cells) का नक्शा बनाने में जुट चुके हैं. इससे वैज्ञानिकों को इंसान के शरीर के काम करने के तरीके को समझने में मदद मिलेगी.
वैज्ञानिक बना रहे हैं इंसानी सेल्स का नक्शा (Human Cells Atlas)
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इंसान के शरीर में करीब 36 से 37 लाख करोड़ कोशिकाओं यानी Cells होती हैं और हर कोशिका का अलग काम, अलग व्यवहार, अलग जीवन होता है. इसके अलावा ये कोशिकाएं इंसान के जीवन में कई बार बनती और नष्ट होती हैं और शरीर को काम करने के लिए एनर्जी देती हैं. ऐसे में अब वैज्ञानिक हर एक कोशिका का नक्शा यानी एटलस बनाने जा रहे हैं.
कोशिकाओं का नक्शा बनाने की प्रक्रिया को "काइन्सोम" (Human Cell Atlas) कहा जाता है, यह बायोलॉजी और जीनोमिक्स के क्षेत्र में एक बड़ा और चमत्कारिक कदम है. बता दें कि इसका उद्देश्य मानव शरीर की हर कोशिका की डीटेल को एकत्र करना, उनकी संरचना, काम और एक दूसरे के साथ उनके इंटरएक्शन को समझना है. इसकी मदद से हेल्थ, बीमारियों और इलाज के तरीकों के बारे में सही जानकारी प्राप्त करने में मदद मिल सकती है.
2026 तक "ह्यूमन सेल एटलस" हो सकता है तैयार
वैज्ञानिकों के मुताबिक 2 साल के बाद यानी 2026 तक "ह्यूमन सेल एटलस" को तैयार कर लिया जाएगा. ऐसी स्थिति में वैज्ञानिकों को शरीर की हर एक कोशिका की लोकेशन, पहचान और काम सब पता होगा. साथ ही उम्र के अलग-अलग पड़ाव पर कोशिकाएं किस तरह से काम करती हैं इसका भी पता चल पाएगा. बड़ी बात यह है कि अब तक वैज्ञानिकों ने करीब 10 करोड़ कोशिकाओं का हिसाब-किताब लिख लिया है. इसकी एक रिपोर्ट 20 नवंबर 2024 को नेचर जर्नल में प्रकाशित हुई है.
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अगर ऐसा हुआ तो भविष्य में इंसानों को लगभग अमर ही समझिए, क्योंकि इंसानी कोशिकाओं की पूरी डिटेल की जानकारी होने पर इंसान को जिंदगी भर किसी तरह की बीमारियां नहीं होंगी. ऐसी स्थिति में अलग-अलग कोशिकाओं से जुड़ी समस्याओं, बीमारियों को रोका जा सकेगा और विकास, प्रतिरोधक क्षमता जैसी चीजों को बेहतर बनाया जा सकेगा. इस नक्शे को बनाने के बाद कई तरह की अन्य खोजें भी की जाएंगी ताकि शरीर की काम करने की प्रोसेस को समझ कर इंसानी जीवन को बेहतर और लम्बा बनाया जा सके.
क्या वाकई इंसान हो जाएंगे अमर?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक उम्र बढ़ने की प्रोसेस और सेल्स के डैमेज होने के कारण मृत्यु होती है और इस दिशा में काम हो रहा है. हालांकि मौजूदा समय में किसी भी ज़िंदा इंसान को जैविक रूप से अमर बनाने का कोई रास्ता नहीं है. कुछ वैज्ञानिक उम्र बढ़ने की प्रोसेस को धीमा करने या फिर इसे रोकने के लिए रिसर्च कर रहे हैं, जो कि अभी भी शुरुआती दौर में है.
जिसका सीधा मतलब है कि किसी भी जीव को पूरी तरह से अमर बनाने की संभावना फिलहाल तो नहीं दिख रही है. लेकिन सेल्स और डीएनए के अध्ययन से मेडिकल के क्षेत्र में कई नए आयाम खुल सकते हैं, जिससे लोगों के जीवन को हेल्दी, रोग मुक्त और लंबा बनाने में मदद मिल सकती है.
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क्या वाकई इंसान हो जाएंगे अमर? जानें क्या है Human Cell Atlas, जिसपर वैज्ञानिक कर रहे हैं काम