बीते कुछ सालों से कैंसर (Cancer) के मामले लगातार बढ रहे हैं. अनुमान है कि इस साल, यानी 2025 में दुनियाभर में किसी न किसी प्रकार के कैंसर से पीड़ित लोगों की संख्या 2 करोड़ तक पहुंच सकती है. हालांकि पहले के मुकाबले अब मेडिकल सांइस ने कैंसर को रोकने और इसके इलाज के लिए कई प्रभावी तरीके खोज निकाले (Cancer Treatment) हैं. अब इसके लिए कई तरह की नई तकनीक और थेरेपी का इस्तेमाल किया जा रहा है.
इसी कड़ी में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital) में ब्लड कैंसर के एक मरीज का CAR-T Cell थेरेपी की मदद से इलाज किया गया है, जो कैंसर के इलाज में काफी प्रभावी माना जाता है. बता दें कि सफदरजंग अस्पताल में पहली बार इस थेरेपी से किसी कैंसर के मरीज का इलाज हुआ है.
कैसी है मरीज की स्थिति?
डॉ कौशल कालरा के नेतृत्व में सफदरजंग अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ मेडिकल ऑन्कोलॉजी के डॉक्टरों ने ( CAR-T) सेल थेरेपी से कैंसर मरीज का इलाज किया है. डॉ. कालरा के मुताबिक मरीज को नॉन-हॉजकिन लिम्फ़ोमा (एक तरह का ब्लड कैंसर) था, जिसपर कैंसर के दूसरे ट्रीटमेंट खास असर नहीं कर रहे थे. जिसके बाद इलाज के लिए कार-टी सेल थेरेपी करने का फैसला लिया गया और मरीज ने भी ट्रीटमेंट पर अच्छा रिस्पांस दिया. बताया जा रहा है कि मरीज अब स्वस्थ है.
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क्या है T-Cell Therapy?
CAR-T सेल थेरेपी, Chimeric Antigen Receptor कैंसर से लड़ने के लिए एक एडवांस ट्रीटमेंट है, जिसके लिए मरीज के शरीर से टी-सेल्स निकाले जाते हैं. इसके बाद इन सेल्स को लैब में कैंसर से लड़ने के लिए तैयार करके मॉडिफाई किया जाता है और फिर वापस शरीर में डाला जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक यही सेल्स कैंसर से लड़कर उसे खत्म करते हैं.
किस तरह के कैंसर में है प्रभावी?
बता दें कि इस थेरेपी का इस्तेमाल ब्लड कैंसर, लिम्फ़ोसाइटिक ल्यूकेमिया और बी-सेल लिंफ़ोमा जैसे गंभीर कैंसर के इलाज में किया जाता है. भारत में फिलहाल गिनती के अस्पताल में ही यह सुविधा उपलब्ध है.
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क्या है CAR-T Cell Therapy? जिससे पहली बार सफदरजंग अस्पताल में कैंसर के मरीज का हुआ इलाज