Paris olympics 2024 कई विवादों के लिए चर्चा में बना हुआ है. Algerian Boxer Imane Khelif हो या फिर ताइवान की बॉक्सर Lin Yu Ting दोनों के जेंडर को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. दोनों बॉक्सर को पेरिस ओलंपिक से भले ही बाहर का रास्ता नहीं दिखाया गया हो लेकिन दोनों को लेकर बहस चल रही है कि ये महिलाएं हैं ही नहीं. कईयों ने यहां तक लिख दिया है कि इनके हाव भाव से ये अंदाजा लगा पाना मुश्किल है कि आखिर जेंडर है क्या?
ताइवान की Lin Yu Ting दो बार की वर्ल्ड चैंपियन हैं और अल्जीरिया की बॉक्सर इमान- खलीफ अब तक 50 मैच खेल चुकी हैं जिसमें से सिर्फ 9 ही हारी हैं. भले ही दोनों खिलाड़ियों के जेंडर को लेकर बबाल मचा हुआ हो लेकिन जेनेटिक्स और जीनोम एक्सपर्ट इसे 'डिसॉर्डर' मानते हैं.
इन दोनों बॉक्सर के मेल डॉमिनेटिंग हॉरमोंस पर सरगंगा राम अस्पताल में जेनेटिक्स और जीनोम की चेयरमैन और प्रोफेसर रत्ना दत्त पुरी ने डीएनए को खास बातचीत में बताया, 'ये जेनेटिक बीमारियां होती हैं.'
डॉ. रत्ना ने बताया कि पुरुष हो या महिला दोनों में जेनेटिक्स के हिसाब से हॉरमोनल डिस्बैलेंस हो सकता है. हमारे शरीर में कई सारे जींस का कंट्रोल होता है.
वह आगे कहती हैं कि जब हम ब्लड का टेस्ट करते हैं तो हो सकता है कि XY क्रोमासोम आएं लेकिन जब जींस के स्तर पर जो क्रोमोसोम के अंदर पाए जाते हैं और उसमें कुछ अगर गड़बड़ हो तो ऐसे इंसान की डेवल्पमेंट फीमेल यानी महिला की तरह हो सकती है. और ऐसी बीमारियां लोगों में पाई जाती हैं. हालांकि वो इन दोनों खिलाड़ियों पर छिड़े विवाद पर कुछ भी बोलने से बचती हैं लेकिन वह यह भी बताती हैं कि ऐसी स्थिति में ऐसे लोगों के जननांग भी महिला की तरह हो सकते हैं और अंदर से वह कुछ और हो और ऐसा एक स्पेक्ट्रम होता है. लेकिन ऐसे में इसे मेंस्ट्रुअल साइकिल हो रहा है या नहीं यह भी जानना महत्वपूर्ण होता है.
प्रोफेसर पुरी दोनों खिलाड़ियों और शारीरिक बनावट पर कुछ भी बोलने पर तो मना करती हैं लेकिन वह यह मानती हैं कि ऐसे डिसॉर्डर पाए जाते हैं.
प्रोफेसर रत्ना कहती हैं कि जेनेटिक्स म्यूटेशन की वजह से ऐसा संभव है कि जो महिला की तरह दिख रही है उसके अंदर पुरुष वाले क्रोमोसोम हों. और ये तभी पता चलेगा जब आप जींस का टेस्ट करें.
यहां यह जानना जरूरी है कि महिला और पुरुष का विशेष फर्क हॉरमोंस की वजह से भी होता है. इसलिए क्रोमोसोम को लेकर इतनी बहस सही नहीं है वहां यह देखना जरूरी है कि दोनों में कौन से हॉरमोंस उसमें ज्यादा है. क्योंकि सिर्फ क्रोमोसोम ही नहीं किसी भी महिला या पुरुष के ताकत में बहुत सारी चीजें मैटर करती हैं.
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विवाद
अल्जीरिया कि इमान खलीफ 25 साल की महिला हैं. और वो यूनिसेफ की राजदूत भी हैं. इमान ने 2018 में विश्व चैंपियनशिप में प्रोफेशनल मुक्केबाज के रूप में शुरुआत की और 17 वें स्थान पर रही थीं. वहीं 2019 के विश्व चैंपियनशिप में वह 19 वें स्थान पर रहीं थीं. ऐसा नहीं है कि इमान खलीफ सिर्फ जीतती रही हैं 2021 के टोक्यो ओलंपिक में वो क्वार्टर फाइनल में आयरलैंड की केली हैरिंग्टन से हारी थीं.
इमान खलीफ के जेंडर को लेकर 2023 में विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में विवाद भी हुआ था. खलीफ को नई दिल्ली में ही आयोजित हुए विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में आईबीए के अध्यक्ष उमर क्रेमलेव ने भाग लगाने से रोक लगा दी थी. ऐसा भी कहा गया था कि उनके शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ा हुआ मिला था.
वहीं ताइवान की Lin Yu Ting के साथ उनके देश के अधिकारी खड़े हैं और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग एसोसिएशन को धमकी दी है कि अगर किसी ने लिन को पुरुष कहा तो वह उन सभी के खिलाफ लीगल एक्शन लेगी.
उठते रहे हैं सवाल
महिला और पुरुष में होने वाली स्पर्धाओं को लेकर कोई आम सहमति नहीं बनी हैं. यही नहीं अगर आप देखें तो लिंग निर्धारण को लेकर कोई निर्णायक तरीका भी नहीं है. 1940 में स्पोर्ट्स की गवर्निंग बॉडी ने महिला एथलीट्स से फिजिशियन का एक लेटर मांगते थे जिसमें ये कहा गया हो कि वह महिला हैं.
जबकि 1960 तक नियम बदले और कुछ एथलेटिक ऑर्गेनाइजेशन ने गाइनोकोलोजिकल टेस्ट की बात की थी. फिर नियम बदलते गए और 1967 में सेक्स क्रोमेटिन टेस्ट जिसमें फिमेल टिपिकल XX सेक्स क्रोमोसोम पर बात उठनी शुरू हुई वहीं 1980 में नया नियम आया जिसमें यह कहा गया कि अगर किसी महिला में XY क्रोमोजोम है तो उसे कोई एथलेटिक बेनीफिट्स नहीं मिलेगा.
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