डीएनए हिंदी: आज के समय में ज्यादातर लोग दिन भर ऑफिस के काम में व्यस्त रहते हैं, जिस दिन छुट्टी होती है. उस दिन का पूरा समय घर के अंदर ही बीता देते हैं. अगर आपकी भी ऐसी ही आदत है तो इसे तुरंत बदल लें. अन्यथा आपकी यह आदत आपको लाइलाज बीमारी का शिकार बना सकती है. यह बीमारी मरते दम तक खत्म नहीं हो पाती है. इसका अब तक कोई इलाज नहीं है. यही वजह है कि खराब लाइफस्टाइल, भोजन और दिनचर्या की वजह से ही लोगों पर इस बीमारी का खतरा बढ़ता जा रहा है. इसका दावा हाल ही में सामने आई एक रिसर्च में भी किया गया है. इस रिसर्च में बताया गया है कि कैसे दिन प्रतिदिन डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इस बीमारी को सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है. इसे अब तक क्योर करने की दवाई नही बन सकती है. आइए जानते हैं कैसे आपकी आदतें आप पर इस बीमारी का खतरा बढ़ा रही हैं.
रिसर्च में किया गया है यह दावा
दरअसल हाल ही में जर्मनी में आयोजित यूरोपीय डायबिटीज रिसर्च एसोसिएशन में हाल में की गई एक रिसर्च को सामने रखा है. इसमें टाइप 2 डायबिटीज को रोकथाम के लिए सामने आया कि जितना बॉडी को एक्टिव रखना जरूरी है. उतना ही सूरज की रोशनी में बैठना है. सूरज की रोशनी लेने से टाइप टू डायबिटीज में रोकथाम होती है, लेकिन कुछ लोग सुबह से लेकर रात तक की व्यस्तता और काम काज के बीच जरा भी धूप नहीं ले पाते.
इस वजह से होती है टाइप टू डायबिटीज
एक्सपर्ट्स की मानें तो टाइप टू डायबिटीज मुख्य तौर पर बहुत ज्यादा शुगर खाने, बॉडी को एक्टिव न रखने, शरीरिक गतिविधियों में ढीलपान पैंक्रियाज से निकलने वाले हार्मोन इंसुलिन की मात्रा को कम कर देता है. इसकी वजह से ब्लड में शुगर सही से पच नहीं पाता है, जिसके चलते इसका हाई लेवल डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी को बढ़ा देता है. रिसर्च क मानें तो नेचुरल लाइट यानी सूरज की रोशनी हमारे शरीर के चक्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो लोग दिनभर घर के अंदर या आॅफिसर में रहते हैं. वह नेचुरल की जगह कृत्रिम यानी बल्ब की रोशनी में संपर्क में रहते हैं. वह नेचुरल लाइट के संपर्क में नहीं आ पाते. ऐसे में नेचुरल रोशनी की कमी से शरीर में इंसुलिन का प्रॉडक्शन काफी कम हो जाता है. साथ ही ब्लड शुगर बढ़ने लगता है.
इसलिए जरूरी है नेचुरल लाइट
रिसर्च के अनुसार, जिस तरह शरीर के लिए खाना जरूरी होता है. यह बॉडी एनर्जी देने के साथ पोषक तत्वों की पूर्ति करता है. ठीक उसी तरह नेचुरल लाइट बॉडी के सिर्केडियन रिदम को कंट्रोल करने मे मदद करती है. यह हार्मोन को बैलेंस करती है. यही वजह है कि शरीर को दिन भर में पर्याप्त रोशनी नहीं मिलने पर टाइप टू डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. वहीं टाइप टू डायबिटीज मरीज नेचुरल लाइट के संपर्क में आने से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है. यह डायबिटीज के इलाज में काफी मददगार साबित होती है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
घर या ऑफिस में पूरा दिन बिताने वालों पर बढ़ रहा इस लाइलाज बीमारी का खतरा, नहीं दिया ध्यान तो हो जाएंगे अंधे