MPox in India: देश में मंकीपॉक्स का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. मंकीपॉक्स के बेहद तेजी से फैलने वाले और जानलेवा स्ट्रेन की मौजूदगी की पुष्टि होने के बाद केरल में एक और व्यक्ति के इस महामारी से संक्रमित होने की पुष्टि हो गई है. केरल के एर्नाकुलम में शुक्रवार को हॉस्पिटल में भर्ती मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. केरल स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का दावा किया गया है. रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि पीड़ित का इलाज चल रहा है और फिलहाल उसकी हालत स्थिर है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पहले ही मंकीपॉक्स के महामारी बनने की चेतावनी जारी कर चुका है. साथ ही सभी राज्यों को इस पर नजर रखने और बचाव के उपाय करने की एडवाइजरी भी जारी की जा चुकी है.
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एर्नाकुलम वाले केस में स्ट्रेन की पहचान नहीं
केरल स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के हवाले से इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स की पुष्टि होने का दावा किया है. हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अभी तक उस व्यक्ति के सैंपल में मिले मंकीपॉक्स के स्ट्रेन की पुष्टि नहीं हो सकी है. इससे पहले 18 सितंबर को भी केरल के मल्लपुरम निवासी एक व्यक्ति के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी. यह व्यक्ति यूएई के दुबई से लौटा था. वापस लौटने पर उसका टेस्ट किया गया था, जिसमें मंकीपॉक्स के संक्रमण की पुष्टि हुई थी.
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मल्लपुरम में मिला था खतरनाक स्ट्रेन
मल्लपुरम में दुबई से लौटे व्यक्ति के सैंपल में MPox Clad 1b स्ट्रेन पाया गया था, जिसे बेहद ज्यादा संक्रमण फैलाने वाला और जानलेवा स्ट्रेन घोषित किया जा चुका है. इससे पहले दिल्ली में भी एक व्यक्ति को MPox से संक्रमित पाया गया था, लेकिन उसके सैंपल में Clad 2 स्ट्रेन मिला था, जो कम घातक और कम संक्रमण फैलाने वाला है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने भी MPox Clad 1b वेरिएंट को ही बेहद घातक बताते हुए ग्लोबल इमरजेंसी घोषित की है. WHO का मानना है कि यही वेरिएंट MPox को Corona Virus जैसा घातक बना सकता है.
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कल जारी की थी एडवाइजरी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी देश में MPox महामारी फैलने का अंदेशा जताया है. मंत्रालय ने गुरुवार को सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की थी. इस एडवाइजरी में MPox की महामारी फैलने की चेतावनी दी गई थी. चेतावनी में कहा गया था कि व्यस्क लोगों में MPox Clad 1 का संक्रमण भी Clad 2 जैसा ही हो सकता है, लेकिन इसका असर ज्यादा घातक साबित हो रहा है. इस एडवाइजरी में MPox के संदिग्ध मामले मिलने पर उन्हें अनिवार्य रूप से आइसोलेशन में रखने और संक्रमण फैलने से रोकने के लिए ज्यादा कठोर उपाय अपनाने की सलाह दी गई है.
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कैसे होता है MPox संक्रमण और क्या हैं इसके लक्षण?
पहले मंकीपॉक्स नाम से पहचाना जाने वाला एमपॉक्स वायरल इंफेक्शन है. यह संक्रमण चेचक (Cheapox) फैलाने वाली ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस प्रजाति के ही मंकी पॉक्स वायरस (MPXV) के कारण होता है, जिसकी पहचान 1958 में की गई थी. उस समय बंदरों में इस महामारी के फैलने से इसे मंकी पॉक्स कहा गया था. एमपॉक्स भी आम संक्रमण की तरह संक्रमित व्यक्ति या जानवर के साथ संपर्क में आने से फैलता है. ऐसे लोगों द्वारा छुए खाने-पीने के सामान से भी यह संक्रमण फैल सकता है. इसलिए एक्सपर्ट्स ने पार्लर जैसे पब्लिस प्लेसेज पर कॉमन चीजों के यूज से बचने की सलाह दी है. इसके निम्न लक्षण माने गए हैं-
- संक्रमित व्यक्ति के हाथ, पैर, चेहरे, मुंह या जननांगों के आसपास दाने हो जाते हैं.
- ये दाने मवाद से भरी सफेद-पीली फुंसी में बदलते हैं और ठीक होने से पहले पपड़ी बनाते हैं.
- संक्रमित व्यक्ति को बुखार, सिरदर्द या शरीर में चिकन गुनिया जैसा दर्द हो सकता है.
- CDC के मुताबिक, एमपॉक्स से संक्रमित होने के 21 दिन के अंदर दिखना शुरू करते हैं.
- अमूमन शरीर में एमपॉक्स के संक्रमण फैलने का समय 3 से 17 दिन का माना गया है.
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केरल में MPox का दूसरा केस, हेल्थ मिनिस्ट्री ने एक दिन पहले ही दी थी चेतावनी