डीएनए हिंदी: शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हम कई पोषण से भरपूर चीजों का सेवन करते हैं. पौष्टिक आहारों का जब भी जिक्र होता है तो बाजरे की चर्चा होने लगती है. पुराने समय से ही बाजरा भारतीयों के लिए सुपरफूड्स आहार रहा है. बाजरा 99 प्रतिशत पोषक तत्वों से भरपूर है. बाजरा में लगभग चावल और गेहूं जितनी कैलोरी होती है. आप बाजरे का सेवन करके डायबिटीज और हृदय रोग जैसी बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं. बाजरे में कैल्शियम, मैग्नीज, विटामिन बी फास्फोरस, फाइबर, मैग्नीशियम और कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. तो चलिए जानते हैं बाजरा खाने के फायदे क्या है और हर आयु वर्ग के लिए यह कितना असरदार है.
बाजरा खाने के फायदे
मोटापा कम करता है
बाजरा को मोटापे को कम करने के लिए बेस्ट माना जाता है. बाजरे में प्रोटीन और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है. कम कैलोरी बाजरे का ये गुण वजन बढ़ने नहीं देता. अगर आप भी वजन कम करना चाहते हैं, तो बाजरे की खिचड़ी और बाजरे की रोटी को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.
डायबिटीज कंट्रोल करें
बाजरे में मैग्नीशियम पाया जाता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी है. बाजरे से बनी रोटी का सेवन करने से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है.
त्वचा को रखें हेल्दी
बाजरे का सेवन त्वचा को हेल्दी बनाए रखता है, क्योंकि बाजरे में एंटीऑक्सीडेंट और फिनोलिक्स पाया जाता है. ग्लोइंग स्किन के लिए डाइट में बाजरे को शामिल करना फायदेमंद होता है.
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हृदय रोगियों के लिए फायदेमंद
बाजरे का सेवन करने से दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है. यह मैग्नीशियम और पोटेशियम का अच्छा स्त्रोत है, जो हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है.
किस आयु वर्ग के लिए कितना असरदार है बाजरा ?
0-13 : जन्म के छह महीने के बाद से एक बच्चे को बाजरा दूध छुड़ाने या पूरक आहार के रूप में दिया जा सकता है, शुरुआत में बहुत कम मात्रा में लेना चाहिए. 3 साल से लेकर 13 साल के तक के बच्चे को बाजरे की खीर, दलिया आदि का सेवन करा सकते हैं.
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18 से 49: यह समूह बाजरा को प्याज और गाय के घी के साथ सेवन कर सकता है. बाजरा आंत से जुड़ी समस्या को ठीक करता हैं. इसका सेवन करके कैंसर, मधुमेह बीमारियों को खत्म किया जा सकता है.
50 और उससे अधिक उम्र के लोग: इस समूह के लोगों को बाजरे को दाल, सब्जियों और साबुत अनाज के साथ लेना चाहिए, लेकिन उन्हें दलिया के रूप में नहीं खाना चाहिए. बाजरा में गामा-एमिनोब्यूट्रिक एसिड (जीएबीए) होता है, जो एक न्यूरोट्रांसमीटर है. यह आपके मस्तिष्क को धीमा कर देता है. यह रक्तचाप को कम करने में मदद करता है. मधुमेह रोगियों को मूंग की दाल, हरे चने के आटे से बनी चपाती और बाजरा खाना चाहिए.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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