डीएनए हिंदी: आपके घरों में आपने देखा होगा कि बच्चों के जब दांत निकल रहे होते हैं तब वह कुछ भी मुंह में डालकर उसे चबाने की कोशिश करते हैं. हम बच्चों को ऐसी दशा में डॉल्स (Dolls), निप्पल या  टीथर्स पकड़ा देते हैं जिन्हें वह मुंह में लेकर चबाने लग जाते हैं. यह उनके लिए बेहद ही नुकसानदेह कदम साबित हो सकता है. एक शोध के अनुसार बच्चों में वयस्कों की तुलना में 15 गुणा ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक (Microplastic) पाए जाते हैं. अमेरिका में 10 में से 6 बच्चों में माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा अधिक पाई गई है. एनवायरनमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी जर्नल के एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि लोग हर साल 39,000 से 52,000 माइक्रोप्लास्टिक के कणों को निगल जाते हैं. 

माइक्रोप्लास्टिक निगलने के खतरे

माइक्रोप्लास्टिक निगलने के कई खतरे हैं. उदाहरण के लिए बिस्फेनॉल ए (बीपीए) से व्यवहार में परिवर्तन और रक्तचाप में वृद्धि हो सकती हैं. पीबीडीई के कारण मनुष्यों में अंतःस्रावी व्यवधान और तंत्रिका प्रणाली पर असर हो सकता है. साथ ही यकृत और गुर्दे को भी नुकसान हो सकता है. ड्यूक यूनिवर्सिटी के शोध के अनुसार मछलियों में भी माइक्रोप्लास्टिक के अंश पाए गए हैं. ये मछलियों के स्वास्थ्य पर गहरा असर डालते हैं. माइक्रोप्लास्टिक की वजह से मछलियों की मौत तक हो जाती है. रॉयल मेलबोर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आरएमआईटी) विश्वविद्यालय और हैनान विश्वविद्यालय के एक लैब-आधारित अध्ययन से पता चला है कि प्लास्टिक के सूक्ष्म और दूषित केमिल के 12.5 फीसदी कण मछलियों तक पहुंच जाते हैं जो उन्हें भोजन समझ कर निगल जाती हैं. जो उन्हें काफी नुकसान पहुंचाती हैं, यहां तक ये मर भी जाती हैं. वैज्ञानिकों ने उत्तरी फुलमार के समुद्री पक्षियों के मल में 47 फीसदी तक माइक्रोप्लास्टिक के कण पाए जाने की बात कही गई है. इसके प्रभाव से कछुए और अन्य समुद्री जीव भी अनछुए नहीं हैं.

माइक्रोप्लास्टिक क्या होता है?

नेशनल ओशनिक एंड एटमोस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (नोआ) के अनुसार, माइक्रोप्लास्टिक 0.2 इंच (5 मिलीमीटर) से छोटे प्लास्टिक के कण हैं. देखने में इनका आकार एक तिल के बीज के बराबर हो सकता है. ये कण घरेलू सिंथेटिक कारपेट और सिंथेटिक कपड़ों से भी निकलते हैं. 

माइक्रोप्लास्टिक कहां से आता है?

हम रोजमर्रा के जीवन में जिन उत्पादों का उपयोग करते हैं जैसे कि टूथपेस्ट और चेहरे को साफ करने के लिए स्क्रब में उपयोग किए जाने वाले कॉस्मेटिक (माइक्रोबायड्स) में भी माइक्रोप्लास्टिक होता है. 

माइक्रोप्लास्टिक के खतरों से कैसे बचें?

माइक्रोप्लास्टिक से निदान इसके उत्पादन को कम करते जाने से ही मिल सकता है. सिंथेटिक फाइबर के इस्तेमाल और इसके खरीद में भी कमी लाई जानी चाहिए.  

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microplastics do not give Dolls and teethers
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बच्चों को माइक्रोप्लास्टिक पहुंचा सकते हैं नुकसान!
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बच्चों को डॉल्स और टीथर्स चबाने ना दें, माइक्रोप्लास्टिक पहुंचा सकते हैं उन्हें नुकसान!
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