WHO ने 1988 में पोलियो (Polio) को खत्म करने के लिए एक ग्लोबल कैंपेन शुरू किया था. बता दें कि इसी मुहिम के तहत 5 साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाती है. इस कैंपेन के तहत साल 2011 में ही भारत पोलियो मुक्त देश बन गया था. हालांकि, भारत में 13 साल बाद मेघालय (Meghalaya) में 2 साल के बच्चे में पोलियो (Meghalaya Polio Case) के लक्षण दिखे हैं. ऐसे में इस केस ने एक बार फिर पोलियो का डर (Polio Case) जिंदा कर दिया है. ऐसे में ये सवाल उठता है कि क्या भारत में अब भी पोलियो का जोखिम बना हुआ है?
क्या है मामला? (Meghalaya Polio Case)
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेघालय में एक 2 साल के बच्चे में पोलियो के लक्षण दिखे हैं, जिसके बाद लोगोंं की चिंता बढ़ गई है. हालांकि इस केस के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि यह एक वैक्सीन डिराइव्ड मामला (Vaccine Derived Polio Case) है, ऐसे में इसे लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है.
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क्या है Vaccine Derived Polio?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक पोलियो एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जो आमतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को अपना शिकार बनाती है. WHO के मुताबिक, ये बीमारी व्यक्ति के मल या खाने-पीने के जरिए एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है. पोलियो का इलाज नहीं है, इसे वैक्सीन के जरिए रोका जा सकता है.
लेकिन, कई बार वैक्सीन में मौजूद वायरस के कमजोर स्ट्रेन से ही बच्चे संक्रमित हो जाते हैं, लेकिन वैक्सीन से पोलियो संक्रमण का मामला बहुत ही कम देखने को मिलता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक बहुत कमजोर इम्यूनिटी वाले बच्चे ही इस तरह पोलियो वैक्सीन से संक्रमित होते हैं. ऐसी स्थिति में वैक्सीन में मौजूद वायरस का कमजोर स्ट्रेन शरीर के अंदर जाकर म्यूटेट होने लगता है और इससे बच्चे इंफेक्ट हो जाते हैं.
क्या वैक्सीन सेफ नहीं? (Polio Vaccines)
ऐसा बिल्कुल नहीं है कि वैक्सीन सेफ नहीं है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक कई देशों में पोलियो वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन जब बच्चे की इम्यूनिटी बहुत ही ज्यादा कमजोर होती है तो ये वायरस ब्लड स्ट्रीम में पहुंच जाता है. ऐसी स्थिति में बच्चे में पोलियो के लक्षण नजर आ सकते हैं.
किन लोगों में होता है पोलियो का ज्यादा खतरा (Polio Risk)
बताते चलें कि पांच साल से कम उम्र के बच्चे, प्रेग्नेंट महिलाओं, कमजोर इम्युनिटी के बच्चों, गंदी जगह में रहने या गंदा खाना खाने के अलावा जिनको पोलियो की वैक्सीन न मिली हो, उनमें पोलियो का खतरा रहता है. इसके अलावा ऐसे देश में जाना या रहना जो पोलियो मुक्त नहीं हैं, इससे भी इसका खतरा बढ़ जाता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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क्या भारत में अब भी है Polio का जोखिम? Meghalaya में 2 साल के बच्चे में दिखे इसके लक्षण