डीएनए हिंदी : तबियत ख़राब होते ही हम कोई न कोई दवाई खा लेते हैं. कई बार लोग हल्की हरारत होने पर भी दवाई ले लेते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि किस तरह वह नन्ही सी गोली झटपट आपकी तबियत दुरुस्त कर देती है? कैसे वह दर्द को एकदम ठीक-ठीक समझती है और जान लेती है कि शरीर के किस हिस्से को ठीक करना है? शायद हमने कभी इस बारे में सोचा भी न हो. आइए जानते हैं, कैसे करती हैं दवाइयां असर?
कैसे दवाइयां जानती हैं किस हिस्से पर असर करना है
यूनिवर्सिटी ऑफ़ कोलोराडो के Anschutz Medical Campus में फार्मास्यूटिकल साइंस के प्रोफेसर Tom Anchordoquy के अनुसार दवाइयों को कुछ इस तरह तैयार किया जाता है कि वे शरीर के भिन्न हिस्सों पर आसानी से असर करें. इसे समझने के लिए यह जानना ज़रूरी है कि दवाई शरीर में काम कैसे करती है.
जब बदन दर्द या सर दर्द के लिए दवाइयां ली जाती है तो यह वास्तव में आपके दिमाग में पहुंचता है या फिर शरीर के उस हिस्से में जहां दर्द हो रहा है. दरअसल कुछ दवाइयों को ऐसे तैयार किया जाता है कि वे शरीर के खास हिस्से पर अधिक असर करती हैं वहीं कुछ हिस्सों पर थोड़ा कम. इन दवाइयों में कुछ ऐसी चीज़ें भी डाली जाती हैं जो स्टेबिलिटी, स्वाद और रंग सरीखे गुणों को बेहतर करने में कारगर होते हैं.
उदाहरण के लिए सरदर्द में दी जाने वाली मशहूर दवाई एस्पिरिन में कुछ ऐसी चीज़ें भी होती हैं जो टूटती नहीं हैं पर मुंह में घुल ज़रूर जाती हैं.
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क्या होता है शरीर के अंदर दवाईयों के साथ
दवाई के नन्हे अणु शरीर के भिन्न रिसेप्टर्स को आपस में बांधते हैं ताकि देह पर अपने तरीक़े से असर हो सके. मुंह से ली जाने वाली दवाइयां पहले पानी के साथ घुलती हैं, फिर पेट में जाती है. उसके बाद यह छोटी आंत में मौजूद एसिड में घुल जाती है.
कब्ज़ और डायरिया जैसी दवाइयां आंत में असर डालती हैं वहीं आयरन की गोलियांं गट/ आंत की भित्तियों या दीवार पर असर करती है. अधिकतर गोलियां आंत के सहारे खून में घुलती हैं. खून पतला करने वाली दवाइयां सीधे खून के रिसेप्टर पर असर करती हैं.
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Medical Facts : नन्ही सी गोली कैसे जानती है कि शरीर के किस हिस्से पर असर करना है, आपको पता है क्या?