डीएनए हिंदीः रात में सोने के लिए बिस्तर में लेटते ही पैरों में असहजता महसूस होना बेहद गंभीर बात है. इससे न केवल आपकी रात की नींद डिस्टर्ब होती है बल्कि ये 11 बीमारियों का भी संकेत है.
रात में होने वाले इस पैर दर्द को रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (आरएलएस) के नाम से जाना जाता है जो असल में एक विलिस-एकबॉम रोग है. ये न्यूरो संबंधी बीमारी होती है. ये कई बीमारियों का लक्षण है. इस बीमारी में मरीज चलते-फिरते तो ठीक महसूस करता है लेकिन सोते ही उसके पैर में फटन-दर्द या संवेदनशीलता बढ़ जाती है जिससे पैरों को हिलाने या पटकना पड़ता है. इससे नींद पर असर पड़ता है.
5 डाइट कोलेस्ट्रॉल का लेवल घटा देगी, नसों और खून से गलने लगेगी चर्बी
बेचैन पैर सिंड्रोम के लिए कई कारण हो सकते हैं
कुछ लोगों में आरएलएस विकसित होने का जोखिम अधिक होता है. उदाहरण के लिए वृद्ध वयस्कों और महिलाओं में दूसरों की तुलना में आरएलएस होने की संभावना अधिक होती है. आरएलएस के लिए अन्य जोखिम कारकों में शामिल हैं:
- एनिमिया
- रुमेटाइड आर्थराइटिस
- पार्किंसंस रोग
- पेरिफेरल न्यूरोपैथी
- गर्भावस्था
- मधुमेह
- क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी)
- मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस)
- आयरन, मैग्नीशियम या फोलिक एसिड की कमी
- शराब, कैफीन, या निकोटीन का यूज ज्यादा करना
- कुछ दवाएं, जैसे लिथियम और कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स
इस छोटे से मेवे में भरा है इंसुलिन का पावर, डायबिटीज-कोलेसट्रॉल को घटाकर ब्रेन करेगी शार्प
इन कारणों से आपके पैर में दर्द रात में सोते समय ही सबसे ज्यादा होगा तो बिना देरी जांच करा कर इलाज शुरू कर दें.
- Log in to post comments
रात में सोते ही पैरों में दर्द और बेचैनी इन 11 बीमारियों का है संकेत