देश की राजधानी दिल्ली में जापानी इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) बुखार का पहला मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर के 72 वर्षीय एक व्यक्ति में जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) का एक अलग (Japanese Encephalitis Case In Delhi) मामला सामने आया है. हालांकि, अधिकारियों ने शहर में कोई प्रकोप न होने की पुष्टि की है. बता दें कि राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के अनुसार सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय लागू किए गए हैं, साथ ही अधिकारियों ने निवासियों से न घबराने की अपील की है. आइए जानतें हैं क्या है ये बीमारी और इसका इलाज क्या है?

 

क्या है जापानी इंसेफेलाइटिस?  (What Is Japanese Encephalitis)

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) एक वायरल बीमारी है जो जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस (जेईवी) के कारण होती है. यह वायरस मच्छरों से फैलता है और यह जानवरों, पक्षियों, सूअरों से भी फैल सकता है. यानी अगर मच्छर इस वायरस से संक्रमित जानवरों को काट ले और फिर किसी मनुष्यों को काट ले तो ऐसी स्थिति में वायरस इंसान के शरीर में चला जाता है, जो जापानी इंसेफलाइटिस बुखार का कारण बनता है.

क्या होते हैं इसके लक्षण?  (Japanese Encephalitis Symptoms)
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जेई के लक्षण आमतौर पर मच्छरों के काटने के 5से 15 दिनों के बाद दिखाई देते हैं, जिसमें ये लक्षण शामिल हैं... 
 

  • ⁠बुखार 
  • ⁠सिरदर्द 
  • ⁠मांसपेशियों में दर्द
  • सिर दर्द के साथ उल्टी 
  • ⁠दौरे पड़ना आदि

क्या हैं इसके जोखिम?  (Japanese Encephalitis Risk)
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अगर ये बुखार दिमाग में चला जाता है तो इसको कंट्रोल करना मुश्किल हो सकता है. ऐसी स्थिति में यह मौत का कारण भी बन सकता है. ज्यादातर बच्चों में इस बुखार के मामले सामने आते हैं. चिंता की बात यह है कि इस बीमारी की मृत्यु दर (सीएफआर) काफी ज्यादा है और जो लोग इससे बच जाते हैं वे न्यूरोलॉजिकल सीक्वेल की कई डिग्री से पीड़ित हो सकते हैं.

कैसे करें बचाव और क्या है इसका इलाज (Japanese Encephalitis Treatment And Prevention)
आमतौर पर इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को लंबी आस्तीन वाले कपड़े पहनने, मच्छरदानी, कीटनाशक और विकर्षक का उपयोग करने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा इससे बचाव के लिए खड़े पानी और नालियों को साफ करना चाहिए और अपने घरों के आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए. 

साथ ही जेई से बचने के लिए टीकाकरण करवाने की सलाह दी जाती है. बताते चलें कि जिन क्षेत्रों में जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस (जेईवी) प्रचलित है, वहां भारतीय यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम (यूआईपी) में इसके खिलाफ एक टीका शामिल किया गया है. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)

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दिल्ली में Japanese Encephalitis की दस्तक, जानें क्या है ये जानलेवा बीमारी
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