डीएनए हिंदी : केके के मामले में(KK Heart Attack) कौन सी गलतियां हुई जो अगर ना हुई होती तो शायद आज के के ज़िंदा होते. के के को हार्ट अटैक आने के एक दो नहीं कई सिग्नल मिले थे जिन्हें वो नज़रअंदाज़ करते रहे.
केके की अटॉप्सी रिपोर्ट(KK Heart Attack) को लेकर जो शुरुआती जानकारियां सामने आ रही हैं वो ये साफ इशारा कर रही हैं कि केके की तबीयत खराब रही होगी.
1 केके के रुम से पुलिस ने दस दवाएं बरामद की हैं. - इनमें एसीडिटी कम करने की दवाएँ और सिरप, विटामिन सी, लिवर की दवाएं, कुछ आयुर्वेदिक दवाएं और कुछ होम्योपैथी दवाएं शामिल हैँ.
2 सूत्रों के मुताबिक केके के दिल के आसपास फैट की लेयर मिली है और हार्ट वॉल्व काफी जकड़े हुए मिले हैं. यानी उनके दिल पर काफी लोड पड़ चुका होगा. 31 मई को सिर्फ एक दिन में केके की बॉडी ने उन्हें कई वॉर्निंग साइन दिए, जिन पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. केके का केस आपको ये समझा रहा है कि वो कौन सी गलतियां हैं जो आपको नहीं करनी है.
3 केके के मैनेजर के मुताबिक 31 मई की सुबह केके ने उन्हें बताया था कि उन्हें थकान महसूस हो रही है – ये पहला सिग्नल था जिसे इग्नोर किया गया
4 सूत्रों के मुताबिक केके ने अपनी पत्नी को फोन करके ये बताया कि उन्हें बाएं कंधे और बाज़ू में दर्द है – ये हार्ट अटैक(KK Heart Attack) का बड़ा सिग्नल माना जाता है – लेकिन इसे भी केके ने इग्नोर किया
अब शाम के कॉन्सर्ट पर आते हैं .
5 केके नजरुल मंच पर लगभग दो घंटे रहे - परफॉरमेंस के दौरान केके कई बार पसीना पोंछते और सांस लेने के लिए बाहर जाकर ब्रेक लेते दिख रहे हैं... ये सोचकर इस सिग्नल को भी नज़रअंदाज़ कर दिया गया कि हॉल में बहुत भीड़ थी और एसी ठीक से काम नहीं कर रहा था. सबसे बड़ी गलती जो जानलेवा साबित हो गई वह थी केके का रात 8 बजकर 40 मिनट पर कॉन्सर्ट हॉल से निकलकर हॉस्पिटल जाने की जगह होटल जाना.
6 कॉन्सर्ट हॉल से 5 मिनट की दूरी पर एक बड़ा प्राइवेट अस्पताल था और होटल 15 मिनट की दूरी पर था. के के सीधा अस्पताल जाते तो बहुत मुमकिन है कि उनकी जान बच जाती लेकिन वे होटल चले गए.
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7 होटल पहुंचते ही सोफे पर बैठते हुए वो गिर पड़े यानी यहां भी वे जीवित थे. रात के तकरीबन 9 बजकर 15 मिनट पर वे होटल से अस्पताल पहुंचे तब तक लगभग एक घंटा और बर्बाद हो गया था. रात 10 बजकर 15 मिनट पर जब वे कोलकाता के CMRI अस्पताल पहुंचे, उनकी जान जा चुकी थी(KK Heart Attack).
8 रात 8 बजकर 40 मिनट से 10 बजे के बीच तकरीबन डेढ घंटे का वक्त था. यह टाइमलाइन इसलिए ज़रूरी है कि हार्ट अटैक के बाद का पहला घंटा सबसे अहम माना जाता है. इस एक घंटे को डॉक्टर Golden Hour कहते हैं क्योंकि इस वक्त में जितनी जल्दी चिकित्सा मिलेगी, जान बचने की सम्भावना उतनी अधिक रहेगी.
डॉक्टर्स का ये भी मानना है कि अगर केके को या ऐसे किसी भी मरीज को वक्त रहते यानी कार्डियो पल्मनरी रिससिटेशन (CPR) दे दी गई होती तो केके की जान बचाई जा सकती थी.
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