डीएनए हिंदी : आजकल की खराब लाइफस्टाइल, गड़बड़ खानपान धूल-मिट्टी और प्रदूषण के कारण अक्सर लोग बाल झड़ने की समस्या से परेशान रहते हैं. आमतौर पर बाल झड़ने को स्कैल्प (Hair Loss) में होने वाली दिक्कत मान लिया जाता है और इसके लिए लोग कई तरह के शैंम्पू और घरेलू नुस्खे भी आजमाते हैं. लेकिन, आपको बता दें कि कुछ स्थितियों में ये शरीर में बन रही कुछ प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का भी एक लक्षण हो सकता है. दरअसल कई बीमारियों के दुष्प्रभाव के तौर पर आपके बाल तेजी से झड़ने शुरू हो जाते हैं और अगर आप भी (Hair Loss Cause) बालों की दिक्कत से परेशान हैं, तो आपके लिए इसके कारणों को बाने में जानना आवश्यक है. आज हम आपको बता रहे हैं ऐसे ही कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में, जिसके कारण बाल झड़ने की समस्या का (Hair Fall Reasons) सामना करना पड़ सकता है...
इन कारणों से झड़ने लगते हैं बाल
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक शारीरिक और मानसिक दोनों ही प्रकार की बीमारियां बालों के झड़ने का कारण बन सकती हैं. बता दें कि सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (ल्यूपस), सिफलिस, थायरॉयड विकार (जैसे हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म), सेक्स-हार्मोन में असंतुलन या पोषण संबंधी से संबंधित विकारों की समस्या में आपके बाल तेजी झड़ सकते हैं. वहीं शरीर में प्रोटीन, आयरन, जिंक जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी का भी बालों की सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है. इससे बाल झड़ सकते हैं.
यह भी पढ़ें : काफल से घिंघारू तक, सेहत के लिए वरदान हैं ये 5 पहाड़ी फल, इन रोगो में दवा का करते हैं काम
स्ट्रेस से भी हो सकती है बाल झड़ने की समस्या
इसके अलावा जो लोग अधिक तनावग्रस्त रहते हैं, ज्यादा स्ट्रेस लेते हैं या फिर अवसाद के शिकार हैं उनमें बालों की समस्या जैसे की बालों के झड़ने की दिक्कत अधिक देखी जाती रही है. दरअसल तनाव के दौरान रिलीज होने वाला स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल, बालों के विकास के लिए आवश्यक स्टेम कोशिकाओं को क्षति पहुंचाने लगता है और इसके कारण बालों में कमजोरी और इनके टूटने का खतरा हो सकता है. ऐसे में अगर आपको भी बालों की समस्या बनी हुई है तो समय पर इसके कारणों का निदान जरूर कराएं.
पोषक तत्वों की कमी
इसके अलावा बालों को भी स्वस्थ रहने और इनके विकास के लिए शरीर को कई प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है. इसमें राइबोफ्लेविन, बायोटिन, फोलेट और विटामिन बी12-ई की कमी बालों के झड़ने से जुड़ी हुई है. बता दें कि जिंक-प्रोटीन जैसे अति आवश्यक पोषक तत्वों की भी कमी होने से बालों की सेहत पर नकारात्मक असर हो सकता है. ऐसे में बालों को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए जरूरी है कि आप आहार की पौष्टिकता का विशेष ध्यान रखें.
यह भी पढ़ें : क्या है आर्थराइटिस और रूमेटाइड आर्थराइटिस में अंतर? जानें लक्षण और बचाव के आसान उपाय
थायरॉइड विकारों के कारण
वहीं जिन लोगों में थायरॉइड की समस्या होती है उनमें भी बालों के झड़ने-टूटने का जोखिम अधिक देखा जाता रहा है. बता दें कि हाइपरथायरायडिज्म-हाइपोथायरायडिज्म दोनों स्थितियों में बालों के झड़ने की दिक्कत हो सकती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाइपरथायरायडिज्म से पीड़ित लगभग 50% और हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित 33% व्यक्तियों में बाल झड़ने की समस्या देखी जाती है. ऐसे में जरूरी है कि अगर आपके भी बाल झड़ रहे हैं तो थायरॉइड की जांच करा लें.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर
- Log in to post comments
तेजी से झड़ने लगे हैं बाल? नॉर्मल नहीं, इन गंभीर बीमारियों का दे रहे संकेत