डीएनए हिंदी: भारत में साल 2021 से 2022 के बीच कुल 2991 बच्चों को गोद (Child Adoption in India) लिया गया है, जिसमें से लड़कियों की संख्या ज्यादा है. एक ओर जहां आज भी लड़की पैदा होने पर खुशी नहीं होती वहीं ये आंकड़े अच्छे संकेत दे रहे हैं कि भारत की तस्वीर बदल रही है. भारत में लड़कों के मुकाबले लड़कियों को गोद (Girl Child Adoption) लेने की संख्या ज्यादा है.

केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (Central Adoption Resource Authority-CARA) के मुताबिक उनके पास लड़कों से ज्यादा लड़कियों को गोद लेने की मांग आती है. साइट के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 7-8 सालों के बीच यह बदलाव देखन को मिल रहा है. पिछले कुछ सालों के आंकड़ों से यह पता चलता है कि लड़कियों को गोद लेने के परसेंटेज में बढ़ोतरी हुई है. 

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भारत में क्या है बच्चों को गोद लेने के नियम (Rules for kids Adoption In India)

-भारत में बच्चों को गोद लेने के की प्रक्रिया की निगरानी करने के लिए सरकार द्वारा एक प्राधिकरण का निर्माण किया गया है, जिसे CARA कहते हैं.यह केंद्र की महिला और बाल देखभाल मंत्रालय की देखरेख में काम करता है.

-भारत में किसी बच्चे को गोद लेने के लिए व्यक्ति को केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण द्वारा बनाए गए नियमों को पूरा करना जरूरी है.

-भारत में भारतीय नागरिक, NRI और विदेशी नागरिक हर कोई बच्चे को गोद ले सकता है लेकिन, तीनों के लिए केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण ने अलग-अलग नियम तय किए हैं.

-इसके साथ ही सिंगल पेरेंट या कपल दोनों ही बच्चे को गोद ले सकते हैं.

-अगर कोई कपल बच्चे को गोद ले रहा है तो उस कपल की शादी हुए 2 साल होने चाहिए.

-गोद लिए हुए बच्चे और माता-पिता की उम्र में कम से कम 25 साल का फर्क होना चाहिए.

-इसके साथ ही माता-पिता को पहले से कोई जानलेवा बीमारी नहीं होनी चाहिए.

-बच्चे गोद लेने के लिए माता-पिता दोनों की मंजूरी जरूरी है.

-अगर कोई महिला किसी बच्चे को गोद लेना चाहती है तो वह लड़का या लड़की में से किसी को भी आसानी से गोद ले सकती हैं.

-वहीं अगर कोई पुरुष बच्चे को गोद लेना चाहता है तो उसे केवल लड़का ही गोद दिया जाता है. वहीं कपल लड़का या लड़की में से किसी को भी गोद ले सकता है.

-माता-पिता की बच्चा गोद लेते समय आर्थिक स्थिति सही होनी चाहिए.

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बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया (Procedure to adopt a child) 

-बच्चे को गोद लेने के लिए सबसे पहले माता-पिता को www.cara.nic.in पर खुद को रजिस्टर करना होगा. इसके अलावा माता-पिता मान्यता प्राप्त भारतीय प्लेसमेंट एजेंसियां में बच्चे को गोद लेने के लिए एप्लिकेशन डाल सकते हैं.

-ध्यान रखें यह रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया केवल भारत में रहने वाले लोगों के लिए है.

-इसके बाद आप उस एजेंसी का चुनाव कर सकते हैं. जहां से आप बच्चा गोद लेना चाह रहे हैं.

-इसके आईडी पासवर्ड जनरेट होगा.

-इसके बाद आपने मांगे गए सभी डॉक्यूमेंट आपको 30 दिनों के अंदर जमा करने होंगे.

-इसके बाद आपका रजिस्ट्रेशन नंबर जनरेट किया जाएगा, जिसे माता-पिता को दिया जाएगा.

-इसके बाद माता-पिता को उसे दे दिया जाएगा.

-फिर कोर्ट की कागजी प्रक्रिया के बाद ही बच्चे को गोद देने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.


जरूरी डॉक्यूमेंट (Essential Documents) 

-माता-पिता का पासपोर्ट साइज फोटो.
-दोनों का बर्थ सर्टिफिकेट.
-एड्रेस प्रूफ के लिए वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस,पासपोर्ट, आधार कार्ड, टेलिफोन बिल आदि जमा कर सकते हैं.
-शादीशुदा कपल के लिए मैरिज सर्टिफिकेट.
-तलाकशुदा के लिए डिवोर्स पेपर्स.
-माता-पिता का हेल्थ सर्टिफिकेट.

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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Girl child adoption ratio increase compare to boy know the process of adoption in india girl child day
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Adoption in India: भारत में लड़कों के मुकाबले ज्यादा गोद ली गई लड़कियां
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Adoption in India: भारत में लड़कों के मुकाबले ज्यादा गोद ली गई लड़कियां, क्या है प्रोसेस