डायबिटीज (Diabetes) एक लाइलाज बीमारी है, जिसके मामले खासतौर से भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं. इस बीमारी के कारण शरीर के अंग, जैसे लिवर, किडनी, आंखें, नर्वस सिस्टम आदि धीरे-धीरे डैमेज होने लगते हैं और अन्य कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यही वजह है कि इसे स्लो किलर (Slow Killer) भी कहा जाता है. डायबिटीज (Diabetes Causes) का सबसे बड़ा कारण गड़बड़ खानपान, जीवनशैली की खराब आदतें और कम फिजिकल एक्टिविटी है. ऐसे में खानपान, जीवनशैली में सुधार कर इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है.
इस बीमारी को लेकर एक स्टडी सामने आई है, जिससे नॉन वेज फूड (Non Veg Foods Cause Diabetes) के शौकीन लोगों की चिंता बढ़ गई है. स्टडी के मुताबिक, इस तरह के मीट का सेवन करने से लोगों में टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम बढ़ सकता है. ऐसे में इसे तुरंक डाइट से बाहर कर देना चाहिए...
क्या कहती है स्टडी?
'द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, रेड मीट यानी लाल मांस खाने से लोगों में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ता है. इस स्टडी में पाया गया कि जो लोग रोजाना 50 ग्राम प्रोसेस्ड मीट, 100 ग्राम अनप्रोसेस्ड रेड मीट या 100 ग्राम पोल्ट्री मीट खाते हैं तो उनमें टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा अधिक होता है.
यह भी पढ़ें: क्या फिर से लॉकडाउन कराएगा मंकीपॉक्स? जानिए किस अंग को करता है प्रभावित और इससे कैसे बचें
स्टडी के मुताबिक प्रोसेस्ड मीट खाने से डायबिटीज़ का खतरा 15% तक बढ़ सकता है, वहीं अनप्रोसेस्ड रेड मीट से 10% और पोल्ट्री मीट से 8% तक डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है.
क्या है ऑप्शन
एक्सपर्ट्स के मुताबिक जो लोग प्रोसेस्ड मांस की जगह अनप्रोसेस्ड मीट या पोल्ट्री का सेवन करते हैं, उनमें डायबिटीज़ का खतरा कुछ हद तक कम हो सकता है. यानी आप 50 ग्राम प्रोसेस्ड मांस की जगह 100 ग्राम अनप्रोसेस्ड मीट खाते हैं तो इससे डायबिटीज का खतरा 7% कम हो जाता है. वहीं पोल्ट्री खाने से यह खतरा 10% तक कम हो जाता है.
जरूरत के मुताबिक खानपान की आदतों में करें बदलाव
रेड मीट का अधिक सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा बढ़ता है. इसलिए सेहत को बेहतर बनाए रखना चाहते हैं, तो रेड मीट का सेवन कम मात्रा में करना और संतुलित आहार लेना जरूरी है. वहीं पोल्ट्री या अनप्रोसेस्ड रेड मीट का सेवन करने से डायबिटीज़ के खतरे को कुछ हद तक कम किया जा सकता है.
यह भी पढ़ें: नसों से एक्स्ट्रा Sugar चूस लेंगी ये छोटी-छोटी पत्तियां, Diabetes के मरीज ऐसे करें सेवन
ऐसे में इसका सीधा सा अर्थ है कि खाने-पीने की आदतों पर ध्यान देना और जरूरत के मुताबिक बदलाव करना जरूरी है, ताकि आप स्वस्थ रह सकें और बीमारियों से बचे रहें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
रिसर्च में दावा, इस तरह का मीट खाने से बढ़ता है टाइप 2 Diabetes का खतरा