डीएनए हिंदीः मौसम डेंगू का चल रहा है और बढ़ते मामलों को देखने के बाद अगर नार्मल बुखार भी होता है तो दिमाग डेंगू पर ही जाता है. मौसम में बदलाव के कारण वायरल फीवर या फ्लू भी खूब हो रहा है ऐसे में डेंगू का बुखार पहली स्टेज में पकड़ पाना आसान नहीं होता है.

हालांकि सामान्य फ्लू या वायरल फीवर से डेंगू के बुखार के लक्षण को पहचान का आसानी से अलग किया जा सकता है. वायरल या फ्लू से इसे जल्दी पहचानना जरूरी भी होता है क्योंकि अगर डेंगू बुखार में अगर वायरल या फ्लू के लिए एंटीबॉयोटिक्स दे दी जाए तो मरीज का प्लेटलेट्स तेजी से कम हो सकता है. 

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तो चलिए आपको बताएं कि डेंगू और फ्लू की पहचान कैसे की जा सकती है.

1-डेंगू के मरीज़ का बुखार अचानक से बहुत हाई हो जाता है और उसके सिर में तेज दर्द शुरू होता है. इसमें आंखों के पीछे के हिस्स में दर्द होता है. सीजनल फ्लू की यदि बात करें तो इसमें श्वसन सम्बंधित लक्षण अधिक देखने को मिलते हैं जिनमें खांसी, जुखाम, बुखार, छाती में जकड़न आदि. 

2-इस बुखार के साथ हड्डियों में तेज दर्द शुरू होता है. यही कारण है कि इस बीमारी केा ब्रेक बोन फीवर का नाम दिया गया है क्योंकि इसमें हड्डियों के टूटने जैसा दर्द होता है. नार्मल बुखार या फ्लू में बदन दर्द होता है हड्डियों तक ये दर्द नहीं जाता है. 

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डेंगू होने के तीसरे से सातवें दिन को क्रिटिकल फेज कहा जाता है. इस दौरान मरीज को चक्कर, उल्टी, लो बीपी, भूख का खत्म होना और पाचन से जुड़ी कई परेशानी का सामना करना पड़ता है. यही वो समय होता है जब प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगता है. जबकि वायरल फीवर 4 या पांचवे दिन से डाउन होना शुरू होता है.

3-डेंगू के रोगियों में शरीर पर खून के थक्कों की तरह चकत्ते हो सकते हैं. वायरल बुखार के ज्यादातर मामलों में शरीर का तापमान 101 डिग्री फ़ारेनहाइट तक रहता है जबकि डेंगू से पीड़ितों में बुखार 103-104 डिग्री फ़ारेनहाइट होता है. अगर बुखार 101 डिग्री से ज्यादा हो तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए और ऐतिहातन ब्लड टेस्ट आदि भी करा लेना चाहिए. 

बिना लक्षणों के भी हो सकता है डेंगू
डेंगू के हर रोगी को तेज बुखार के साथ अन्य लक्षण जरूर दिखें, कुछ स्थितियों में डेंगू एसिम्टोमैटिक भी हो सकता है. 

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बुखार नापने से जुड़ी ये अहम बात भी जान लें
गर्म भोजन करने, गर्म पेयपदार्थ का सेवन करने, डांस या एक्सर्साइज जैसी किसी भी गतिविधि को करने के तुरंत बाद कभी भी अपने शरीर का तापमान बुखार जांचने के उद्देश्य से नहीं नोट करना चाहिए. क्योंकि इन ऐक्टिविटीज को करने के बाद शरीर का तापमान काफी बढ़ जाता है.

ऐसे में थर्मामीटर सामान्य से अधिक तापमान ही दिखाता है.शरीर में रक्त का संचार बढ़ानेवाली किसी भी गतिविधि को करने के कम से कम 30 मिनट बाद ही शरीर का तापमान लेना चाहिए. बेहतर होगा कि अगर आप एकदम सही ताप जानने के लिए 45 मिनट बाद शरीर का ट्रेंप्रेचर नोट करें.

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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difference between seasonal flu and dengue fever symptoms recognize these sign at home easly
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सीजनल फ्लू और डेंगू बुखार में क्या है अंतर? घर पर ही इन लक्षणों से पहचान सकेंगे
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सीजनल फ्लू और डेंगू बुखार में क्या है अंतर? घर पर ही इन लक्षणों से पहचान सकेंगे
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सीजनल फ्लू और डेंगू बुखार में क्या है अंतर? घर पर ही इन लक्षणों से पहचान सकेंगे

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सीजनल फ्लू और डेंगू बुखार में क्या है अंतर? घर पर ही इन लक्षणों से कर सकेंगे पहचान