डीएनए हिंदी: India's First Nasal Vaccine- Coronavirus से लड़ने के लिए अब भारत के पास पहली नैसल वैक्सीन आ गई है. डीजीसीआई (DGCI) ने उसकी मंजूरी दे दी है. इस वैक्सीन को भारत बायोटेक ने बनाया है. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने कोविड -19 के खिलाफ भारत की लड़ाई के लिए इसे 'बिग बूस्ट' का नाम दिया है. इस वैक्सीन का नाम ChAd36-SARS-CoV-S COVID-19 नेजल वैक्सीन है.
यह भारत की पहली नैसल वैक्सीन (Nasal Vaccine) है, जिसका ट्रायल 15 अगस्त को पूरा हो गया था उसके बाद अब जाकर इसको फाइनल मंजूरी मिली है. भारत बायोटेक ने बताया कि पहले चरण के क्लीनिकल ट्रायल में स्वस्थ वॉलंटियर्स को दी गई वैक्सीन की खुराक ने अच्छी तरह से काम किया था, कोई परेशानी नहीं हुई थी.जिसके बाद इसे मंजूरी मिली. Intra Nasal Vaccine की बूस्टर डोज के लिए 9 जगहों पर परीक्षण किया गया था.
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क्या है इसकी खासियत (Speciality of Nasal Vaccine)
- नैजल वैक्सीन को अब तक की सबसे प्रभावित वैक्सीन बताया जा रहा है
- यह वैक्सीन नाक के माध्यम से दी जाती है जो नाक के भीतर प्रतिरक्षा प्रणाली तैयार करके वायरस के प्रवेश करते ही उसे निष्क्रिय कर देगी
- अब तक दी जा रही वैक्सीन्स से अलग,इसके लिए निडिल की आवश्यकता नहीं होगी
- इसे उपयोग में लाना भी आसान है घर पर भी इसको प्रयोग किया जा सकेगा, इसके लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों की आवश्यकता भी नहीं है
- सुई से संबिधित जोखिमों जैसे संक्रमण, या वैक्सीनेशन के बाद होने वाले दर्द से मुक्ति मिलेगी
- बच्चों और वयस्कों के लिए आदर्श रूप से उपयुक्त है
- सबसे खास बात यह वायरस को शरीर में प्रवेश करने से पहले ही मारने की क्षमता वाली है, ऐसे में इससे शरीर के अंगों को होने वाली समस्याओं का जोखिम नहीं होगा
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First Intranasal Vaccine: कोविड से लड़ने के लिए आ गई बिग बूस्ट, क्या है इस वैक्सीन की खासियत