डीएनए हिंदी : क्राउड फंडिंग और कंपनियों के पास मौजूद सामजिक दायित्व के फंड के ज़रिए पंजाब गुरुदासपुर की एक बच्ची को नई ज़िन्दगी मिलने की सुन्दर घटना सामने आई है. प्रभगुण नाम की यह बच्ची जब चार साल की थी तब से ही लीवर की गंभीर समस्या से ही जूझ रही थी. डॉक्टर ने इसका इलाज लीवर ट्रांसप्लांट बताया था. इसका खर्च कुल 20 लाख रूपये कहा गया था. इतना बड़ा खर्च परिवार के लिए बड़ी समस्या थी.
मां ने दिया अपने लीवर का हिस्सा
प्रभगुण का इलाज एस्टर CMI Hospital बैंगलोर में किया गया और 20 लाख के वास्तविक खर्च की जगह 5 लाख रूपये ही ख़र्च हुए. यह ट्रांसप्लांट एस्टर के आधुनिक ट्रांसप्लांट इनिशिएटिव के ज़रिए किया गया. यह इनिशिएटिव बच्चों और युवाओं को ट्रांसप्लांट सर्विस देता है. प्रभगुण को लीवर उसकी मां ने दिया.
इस हॉस्पिटल में लीवर ट्रांसप्लांट सर्विस(Liver Transplant Service) की लीड कंसलटेंट डॉक्टर सोनल अस्थाना ने कहा कि उन बच्चों में जिनमें लीवर की समस्या आख़िरी स्तर पर है, लीवर ट्रांसप्लांट बेहतर इलाज़ साबित हो सकता है. हालांकि इसमें सबसे बड़ी चुनौती आने वाले खर्च की है.
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क्राउडफंडिंग से अबतक 120 बच्चों और बड़ो का ट्रांसप्लांट हो चुका है
डॉक्टर अस्थाना ने बताया कि भिन्न स्रोतों से प्राप्त पैसों से अब तक 120 बच्चों और वयस्कों की ज़िन्दगी को बचाने वाले ट्रांसप्लांट(Life Saving Transplants) किए जा चुके हैं. इन सबका खर्च 5 लाख से कम आया है.
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