डीएनए हिंदी : कोविड के स्वास्थ्य पर प्रभावों से इंकार नहीं किया जा सकता है. दुनिया भर के विशेषज्ञों के द्वारा लोगों के स्वास्थ्य पर पोस्ट कोविड असर की विस्तार से बातें की गई हैं. गौरतलब है कि अब तक के तमाम केस में यह देखा गया है कि कोविड शरीर के भिन्न अंगों को भिन्न ढंग से प्रभावित करता है. पिछले दो सालों से इस महामारी पर हो रही बातों में यह भी निकल कर आया है कि कोविड का असर सेक्सुअल हेल्थ(Sexual Health) पर भी हो रहा है. कोविड 19 पर हुए एक हालिया रिसर्च में यह पाया गया कि कोरोना वायरस के शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म प्रभाव लिंग स्तम्भन (erectile function) सरीखे मामलों पर पड़ा है क्योंकि कोविड के वायरस लिंग में भी पाए गए हैं.
क्या कहता है Sexual Health और Covid 19पर किया हुआ यह रिसर्च
यह तुलनात्मक अध्ययन लगभग 2,30,000 व्यस्क कोविड ग्रसित रह चुके पुरुषों और इतने से कोविड मुक्त रहे पुरुषों के बीच किया गया था. इस स्टडी में पाया गया कि कई बायोलॉजिकल कारणों के अतिरिक्त कई सोशल कारण भी थे जो कोविड के दौरान और उसके बाद सेक्स की प्रक्रिया को बाधित कर रहे थे.
स्पर्म काउंट में कमी भी देखी गई
फरवरी 2022 में फर्टिलिटी एन्ड स्टरलिटी जर्नल में प्रकाशित हुए इस स्टडी रिपोर्ट के अनुसार COVID-19 ने स्पर्म की संख्या और उसके जीवनकाल पर भी असर डाला है. हल्का कोविड संक्रमण भी स्पर्म पर असर डाल रहा था, इससे स्पर्म जल्दी ख़त्म हो रहे थे.
यह रिपोर्ट कहता है कि स्पर्म की संख्या में सबसे अधिक कमी उन पुरुषों में देखी जो एकदम हाल में COVID-19 से मुक्त हुए थे. उनकी तुलना में वे लोग जो कुछ पहले कोविड मुक्त हुए थे, उनके स्पर्म काउंट बेहतर थे और यह क्रमशः बेहतर होता गया था.
2,454 औरतों और 3,765 पुरुषों के ऊपर किये हुए अध्ययन में यह भी पाया गया कि क्वारंटाइन के दौरान खेल-कूद की कमी, बंद आवा-जाही, लॉकडाउन से उत्पन्न आर्थिक समस्याओं के साथ बिगड़े हुए मानसिक अवस्थाओं ने भी कोविड के दौरान सेक्स और ओवरऑल सेक्सुअल हेल्थ(Sexual Health) पर असर डाला है.
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Sexual Health : कोविड ने किया है बेडरूम का मामला ख़राब, कम हुई स्पर्म की संख्या