डीएनए हिंदीः सर्दी के मौसम में गर्मी पाने के लिए इनका इस्तेमाल लगभग हर घर में किया जाता है, लेकिन इसके कई साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं. तो आइए जानें
बढ़ सकता है कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर-
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि रूम हीटर का इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है. जिस भी कमरे में आप हीटर का उपयोग करते हैं उसमें अच्छा वेंटिलेशन होना चाहिए. बंद कमरों में हीटर के अत्यधिक उपयोग से हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड या नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ सकती है. इससे आंखों, नाक और गले में जलन हो सकती है.
इसके अलावा, कार्बन मोनोऑक्साइड के उच्च स्तर के सांस लेने से विषाक्तता हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप सिरदर्द, चक्कर आना, मतली आदि हो सकती है. कुछ मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है. हीटर का ज्यादा इस्तेमाल भी खतरनाक हो सकता है.
वायु आर्द्रता में कमी-
रूम हीटर कमरे की हवा को शुष्क कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप हवा में नमी कम हो जाती है, त्वचा और आँखों में जलन और खुजली होने लगती है, गला सूखने लगता है. लंबे समय तक ऐसा करने से सांस लेने में दिक्कत, नाक बंद होना और संक्रमण का खतरा भी बढ़ सकता है.
एलर्जी और अस्थमा की समस्या बढ़ती है-
हीटर के कारण हवा के निरार्द्रीकरण से आपमें किसी प्रकार की एलर्जी की समस्या भी हो सकती है. पहले से ही संवेदनशील व्यक्तियों या अस्थमा या श्वसन समस्याओं के इतिहास वाले लोगों में स्वास्थ्य संबंधी शिकायतें उत्पन्न हो सकती हैं.
सावधानियां बरतें जैसे-
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जब भी ऐसे उपकरणों का उपयोग किया जाए तो कमरे में ताजी हवा आने की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए. हीटर का उपयोग खिड़कियां और दरवाजे खुले रखकर करना चाहिए. कभी भी बंद कमरे में हीटर जलाकर न सोएं, याद रखें यह एक गंभीर समस्या हो सकती है. कमरे के किसी कोने में पानी जरूर रखें.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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