डीएनए हिंदी: आपको याद होगा कि बचपन में हम जब भी डॉक्टर के पास जाते थे तो वह जीभ दिखाने को कहता था. ऐसा इसलिए क्योंकि जीभ हमारी सेहत के बारे में काफी कुछ बताती है. डॉक्टर केवल जीभ का रंग देखकर भी हमारी बीमारी की वजह बता सकते हैं. आमतौर पर हमारी जीभ का रंग गुलाबी होता है. इसके रंग में ज़रा सा भी बदलाव किसी समस्या की चेतावनी हो सकता है. कभी-कभी किसी खाने की चीज़ की वजह से भी जीभ का रंग बदल जाता है लेकिन अगर ज़्यादा दिन तक आपकी जीभ का रंग पिंक की जगह कुछ और दिखे तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.
1- सफेद जीभ : सफेद जीभ का मतलब है कि ओरल हाईजीन की हालत खराब है. आप अपने मुंह को ठीक से साफ नहीं करते. इसके अलवा शरीर में पानी की कमी के चलते भी ऐसा भी हो सकता है. अगर जीभ पर सफेद परत जमी हो तो यह ल्यूकोप्लाकिया हो सकता है. यह तंबाकू की वजह से होता है. इसमें जीभ पर गाढ़े सफेद धब्बे बन जाते हैं. कभी-कभी फ्लू के चलते भी जीभ का रंग सफेद हो जाता है.
2- पीली जीभ : पीली जीभ इशारा करती है कि न्यूट्रिशन की कमी है और पाचन तंत्र में भी कुछ गड़बड़ी चल रही है. लीवर और पेट की समस्या में जीभ का रंग ऐसा हो जाता है.
3- भूरी जीभ : जो लोग ज़्यादा कॉफी पीते हैं उनकी जीभ भूरे रंग की होती है. इसके अलावा सिगरेट या बीड़ी पीने की वजह से भी जीभ का रंग भूरा हो जाता है.
4- काली जीभ : कैंसर, अल्सर या फंगल इन्फेक्शन के चलते जीभ काले रंग की दिखने लगती है. ओरल हाईजीन की कमी के चलते भी जीभ का रंग काला हो जाता है क्योंकि ऐसे में बैक्टीरिया बनने लगते हैं. अगर आप चेन स्मोकर हैं तो भी संभल जाएं क्योंकि आपकी ये आदत आपकी जीभ को काला रंग दे सकती है.
5- लाल रंग : अगर आपकी जीभ अजीब तरह से लाल रंग की होने लगी है तो फॉलिक एसिड या विटामिन बी-12 की कमी हो सकती है. अगर जीभ पर लाल रंग का कोई निशान दिखे तो इसे जियोग्राफिक टंग कहते हैं.
6- नीली जीभ : नीली या हल्के बैंगनी रंग की जीभ का मतलब है कि आपको दिल से जुड़ी परेशानियां हैं. जब दिल सही से खून को पंप नहीं कर पाता तो खून में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. इस वजह से जीभ नीली या बैंगनी रंग की हो जाती है.
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