हिंगोली जिले में संजीवनी मिशन के तहत जिला प्रशासन और जिला परिषद के माध्यम से तीन लाख महिलाओं का सर्वेक्षण किया गया है. इनमें से 13,900 महिलाओं में कैंसर के संदिग्ध लक्षण पाए गए हैं. हिंगोली के डीएम अभिनव गोयल के अनुसार डॉक्टरों की मदद से आशा कार्यकर्ताओं को अलग-अलग तरह के कैंसर के लक्षणों के बारे में ट्रेनिंग दी गई है.
महिलाओं में पाए जाने वाले कैंसर के तीन मुख्य प्रकार हैं: गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर, स्तन कैंसर और मौखिक कैंसर. इसी के तहत ये सर्वेक्षण आयोजित किया गया था.डीएम के अनुसार जल्द ही 13,900 संदिग्ध महिलाओं की संपूर्ण जांच की जाएगी और जल्द ही इलाज किया जाएगा.
अभियान का क्रियान्वयन वास्तव में किस प्रकार किया गया?
इस संबंध में हिंगोली जिला कलेक्टर अभिनव गोयल कहना है कि हमने जिले में महिलाओं में कैंसर के किसी भी लक्षण का निदान करने के लिए 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर संजीवनी अभियान शुरू किया था. इस अभियान के तहत हमने आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से तीन लाख महिलाओं का सर्वेक्षण किया. सर्वेक्षण के बाद 13,900 महिलाओं में संदिग्ध लक्षण मिले थे. आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की गई. एक प्रश्नावली तैयार की गई थी.
13900 महिलाओं की सूची तैयार की गई है. उन्होंने यह भी बताया कि इस अध्ययन से यह भी पता चला है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं में स्तन और गर्भाशय कैंसर बड़ी संख्या में हो रहा है. इस बीच, कैंसर की रोकथाम के लिए एहतियात के तौर पर जिले की सभी लड़कियों और महिलाओं को एचपीवी वैक्सीन लगाने के लिए तालुका स्तर पर शिविर आयोजित किए जाने चाहिए. पालकमंत्री डॉ. उदय सामंत ने जिला शल्यचिकित्सक और तालुका स्वास्थ्य अधिकारी को आठ दिनों के भीतर इसके लिए रूपरेखा तैयार करने का निर्देश दिया है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.)
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