सिर्फ मिर्गी के दौरान ही नहीं, हिस्टीरिया जैसी कई अन्य बीमारियों के दौरान भी जूतों की दुर्गंध या दुर्गंधयुक्त वस्तुओं का सेवन करने का रिवाज है.मिर्गी के दौरे के दौरान रोगी के जूते सूंघने की प्रथा सदियों से चली आ रही है  हिस्टीरिया के कारण होने वाली ऐंठन को केवल महिलाओं की बीमारी के रूप में देखा जाता था.

पहले हिस्टिरिया का दौरा पड़ने पर महिलाओं को जूते सूंघने की परंपरा थी. उस समय के डॉक्टरों को दो प्रकार के हिस्टीरिया का ज्ञान था. इसमें हिस्टेरिकल ऐंठन के लिए जूते की गंध को नाक के माध्यम से उपचार के रूप में अपनाया जाता था. ठीक उसी तरह मिर्गी में भी लोग दौरा पड़ते ही जूते सूंघाने लगते हैं. लेकिन क्या ये कारगर इलाज है. 

क्या जूतों की गंध पर कोई अध्ययन हुआ है?

जूते सूंघने के फायदों पर दो अध्ययन हुए हैं और उनके निष्कर्ष इस सुगंध चिकित्सा को पूरी तरह से खारिज नहीं करते हैं.  जूतों के अलावा, शोध में कुछ अन्य तेज़ सुगंधित वस्तुओं के उपयोग को भी शामिल किया गया है जो घ्राण उत्तेजना का कारण बनते हैं. शोध से पता चला है कि यह गंध मस्तिष्क के दौरे वाले क्षेत्र को ठीक करने में मदद करती है. मिर्गी के दौरान जूते खाने की परंपरा इसके फायदे देखकर सदियों से चली आ रही है.अब इसके फ़ायदों के कुछ वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद हैं. 

न्यूरोलॉजिस्ट डॉ.राकेश सिंह बताते हैं कि मिर्गी के दौरे मस्तिष्क के अंदर सामान्य कोशिकाओं के बीच विद्युत प्रवाह के कारण होते हैं.  इस मामले में, जूतों के सेवन से मिर्गी के दौरे को रोका नहीं जा सकता है, डॉक्टर ने कहा, और हिस्टीरिया से पीड़ित लोगों को कभी-कभी तेज गंध से मरीज कॉशियस हो सकता है लेकिन  दौरे संबंधी विकारों में जूते सूंघाना खतरनाक हो सकता है. यानी मिर्गी के दौरे के दौरान जूते की गंध सूंघाना बेहद गलत है और ये मिथ है.

क्या जूतों की गंध ही नहीं बल्कि मुंह में कुछ डालकर हाथों में देना गलत है?

दौरे को रोकने की कोशिश करते समय, वे रोगी के मुंह को किसी चीज से जबरदस्ती खोलने की कोशिश करते हैं.  डॉ. राकेश ऐसा न करने की सलाह देते हैं और जब वह कहते हैं कि अगर किसी को दौरा पड़े तो अपने मुंह में चम्मच, रूमाल या अपनी उंगली जैसी कोई चीज़ बिलकुल न डालें. 
ऐसा करने से मरीज का दांत टूट सकता है और गले में फंस सकता है, या दांत के दबाव से दांत लगाने वाले की उंगली कटकर घायल हो सकती है.   

दौरा पड़ने पर तुरंत क्या करें?

एक्सपर्ट ने यह भी जानकारी दी कि अगर आपके सामने किसी को दौरा पड़ जाए तो क्या करना चाहिए.  मिर्गी का दौरा दो मिनट में अपने आप ठीक हो जाता है. इसलिए डरें नहीं और कोई गलती न करें. 

  1. मिर्गी के दौरान व्यक्ति को करवट से लिटाएं ताकि वह अपना कफ निगल न सके, अन्यथा उसे निमोनिया होने का खतरा हो सकता है. 
  2. जब्ती क्षेत्र के आसपास खाली कर दें.  इससे पीड़ित को आसानी से सांस लेने में मदद मिलती है. 
  3. यदि आपके पास दौरे रोकने के लिए मिडाज़ोलम नेज़ल स्प्रे है, तो इसका उपयोग करें. 
  4. यदि दौरा दो मिनट से अधिक समय तक रहता है, तो उसे नजदीकी अस्पताल ले जाएं. 
  5. अधिकांश लोगों को दौरा रुकने के बाद बेहोशी महसूस होती है, जो आमतौर पर 15 से 20 मिनट के भीतर अपने आप दूर हो जाती है. 
  6. यदि दौरा खत्म हो गया है और मरीज को कोई बड़ी चोट नहीं लगी है, तो उसे कोई खतरा नहीं है. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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Can smelling smelly shoes cure epilepsy or hysteria attacks, is it true? Fact Check Neurologists advice
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क्या बदबूदार जूते सूंघने से दौरा ठीक हो सकता है, क्या यह सच है?
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मिर्गी या हिस्टिरिया में जूता सूंघान कितना सही?
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मिर्गी या हिस्टिरिया में जूता सूंघान कितना सही?

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क्या बदबूदार जूते सूंघने से मिर्गी या हिस्टिरिया का दौरा ठीक हो सकता है, न्यूरोलॉजिस्ट से जान लें

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