डीएनए हिंदीः मौसम में बदलाव और बढ़ती ठंड के कारण हार्ट अटैक से लेकर स्ट्रोक तक का खतरा बढ़ जाता है और इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं. हाई कोलेस्ट्रॉल से नसों वसा जमने के कारण ब्लड सर्कुलेशन कम होना और हाई ब्लड प्रेशर से नसों को फटने का खतरा दोगुना हो जाता है.
शरीर के ठंडे होना इन बीमारियों में और भी खतरनाक होता है. ठंड में स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है और अगर समय रहते इसके लक्षण पहचान लिए जाएं तो जान जाने के खतरे को टाला जा सकता है. स्ट्रोक के कुछ सामान्य लक्षण में सिर दर्द होना, आंखों से धुंधला दिखना या देखने में परेशानी होना, बोलने और समझने में परेशानी होना या शरीर के किसी हिस्से में पैरालिसिस होना हो सकते हैं. गर्मियों के मौसम की तुलना में सर्दी के दिनों में स्ट्रोक के मामले काफी हद बढ़ने के कारण जान लें.
सर्दी में इन कारणों से भी आ सकता है स्ट्रोक
ठंड में छोटी सी चूक बन रही दिल के दौरे की वजह, हार्ट अटैक आने के ये हैं 5 कारण
फिजिकल एक्टिविटी की कमी
सर्दी में फिजिकल एक्टिविटी और एक्सरसाइज जरूर करें, सर्दियों में एक्सरसाइज करने से इम्युनिटी बढ़ती है. हेल्दी रहने और स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थितियों से बचने के लिए नियमित एक्सरसाइज करें. नियमित एक्सरसाइज करने से ब्लड प्रेशर सही रहता है, गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और हेल्दी वेट मेंटेन रहता है. सर्दियों में अकसर लोग आलस या थकान की वजह से फिजिकली कम एक्टिव रहते हैं. जब कोई व्यक्ति फिजिकली कम एक्टिव होता है, तो उसमें स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है. इसलिए स्ट्रोक से बचने के लिए आपको फिजिकली एक्टिव जरूर रहना चाहिए.
डिहाइड्रेशन
सर्दियों में प्यास कम लगती है, इसकी वजह से हम पानी कम पीते हैं. पानी कम पीने से बॉडी डिहाइड्रेट होने लगती है. साथ ही सर्दियों के मौसम में आर्द्रता भी अधिक होती है, जिसकी वजह से शरीर डिहाइड्रेट हो सकता है. इस स्थिति में रक्त में थक्के बनने की संभावना काफी बढ़ जाती है. इसकी वजह से स्ट्रोक के लक्षणों में वृद्धि हो सकती है. इसलिए कहा जा सकता है कि डिहाइड्रेट विंटर स्ट्रोक का एक मुख्य कारण हो सकता है.
ठंड में बाथरूम में ही क्यों ज्यादा आता है स्ट्रोक या हार्ट अटैक? ये है बड़ा कारण
रक्त वाहिकाओं का सिकुड़ जाना
ठंड के मौसम में स्ट्रोक का जोखिम बढ़ने लगता है. दरअसल, सर्दियों के मौसम में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लगती हैं. इसकी वजह से ब्लड प्रेशर का स्तर बढ़ने लगता है और स्ट्रोक का जोखिम कई गुणा बढ़ जाता है.
कम तापमान
सर्दियों में तापमान कम हो जाता है. तापमान कम होने की वजह से रक्त गाढ़ा हो जाता है. साथ ही रक्त चिपचिपा भी होने लगता है. इससे रक्त में थक्का बनने लगता है और फिर इससे मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं बंद हो सकती है. इससे स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है. यानी सर्दियों में कम होता तापमान भी स्ट्रोक का एक कारण बन सकता है.
Silent Stroke: साइलेंट अटैक के हैं ये 7 लक्षण, नहीं दिया ध्यान फट सकती हैं दिमाग की नसें
इंफेक्शन
वेरी वेल हेल्थ डॉट कॉम के अनुसार सर्दियों में कई इंफेक्शन बढ़ जाते हैं, जो स्ट्रोक के खतरे को भी बढ़ा सकते हैं. इस मौसम में इंफेक्शन से बचाव स्ट्रोक के खतरे को कम करने में सहायक हो सकते हैं. इंफेक्शन से बचने के लिए साफ-सफाई का खास ख्याल रखें और अपने साथ हमेशा सैनिटाइजर कैरी करें. इस मौसम में इंफेक्शन से बचने के लिए हाइड्रेटेड रहें और आराम करें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
ठंड में क्यों बढ़ता है स्ट्रोक का खतरा, ये 5 बड़े कारण बनते हैं जानलेवा