डीएनए हिंदी: Bone Cancer यानी हड्डियों का कैंसर शरीर के किसी भी अंग की हड्डियों में हो सकता है. ज्यादातर यह टांग या फिर हाथ जहां हड्डी लंबी होती है वहां होता है. आजकल यह कैंसर बच्चे और युवाओं में ज्यादा देखने को मिल रहा है क्योंकि बदलती लाइफस्टाइल और खान पान की वजह से उन्हें भरपूर मात्रा में कैल्शियम नहीं मिलता है और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं , जैसे ओस्टियोसारकोमा भी एक प्रकार का हड्डी का कैंसर है जो ज्यादातर बच्चों और युवाओं में ही देखने में आता है. यह बच्चों में होने वाला एक सबसे आम केंद्रीय हड्डी का ट्यूमर है.
कितने प्रकार के होता है यह कैंसर (Types of Bone Cancer)
हड्डियों का कैंसर (ओस्टियोसारकोमा) किसी भी हड्डी में हो सकता है लेकिन यह आमतौर पर टांग और बाजू की लंबी हड्डियों के चौड़े सिरों में ही होता है.इसके अलावा बोन कैंसर के कुछ दुर्लभ प्रकार भी हैं जैसे फाइब्रोसार्कोमा, लिमेयोसार्कोमा, मालिग्नेंट फाइब्रस हिस्टियोसाइटोमा, एंजियोसार्कोमा और कोरडोमा आदि शामिल हैं. अगर कैंसर शरीर के किसी अन्य हिस्से से फैलकर हड्डियों तक पहुंचा है तो उसे सेकेंडरी बोन कैंसर कहा जाता है. बोन कैंसर जेनेटिक भी हो सकता है लेकिन इसके पीछे कई और कारण भी शामिल हैं. जब कैंसर होता है तो सबसे पहले प्रभावित हड्डी वाले हिस्से में सूजन और दर्द होता है.
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ओस्टियोसारकोमा के कारण (Causes of Bone Cancer in Hindi)
कई बार कहीं हड्डियों में सूजन और हल्की सी चोट से फ्रैक्चर जैसी समस्याओं को देखकर लोग समझ ही नहीं पाते हैं कि आखिर उन्हें हुआ क्या है लेकिन धीरे-धीरे ये समस्याएं बड़ा रूप ले लेती हैं. हालांकि हड्डी के कैंसर के बारे में रिसर्च यह बताती है कि अगर यह शुरुआत में ही समझ में आ जाए तो इसका इलाज निदान (Diagnosis of bone cancer) 70 फीसदी संभव है.
हड्डियों के कैंसर (ओस्टियोसारकोमा) हड्डी के अंदर या हड्डी के बाहरी हिस्से पर हो सकता है. बच्चों में होने वाले अधिकांश हड्डियों के कैंसर (ओस्टियोसारकोमा) हड्डी के अंदर बिल्कुल मध्य में स्थित होते हैं.
हड्डियों के कैंसर (ओस्टियोसारकोमा) लक्षण (Symptoms of Bone Cancer in Hindi)
- हड्डी या जोड़ों में दर्द होना
- जोड़ वाली जगह को हिलाने में समस्याएं आना
- हड्डी के ऊपर कोई गांठ या सूजन होना
- लंगड़ाहट या चलने में समस्या होना
- टूटने वाली हड्डी (फ़्रैक्चर) ठीक न होना
- हड्डी का दर्द अगर बढ़ता ही जाता है तो तुरंत इसपर ध्यान दें
- अगर आपका वजन काफी समय से लगातार कम हो रहा है तो भी बोन कैंसर का संकेत हो सकता है.
- हड्डी में विकसित हुए ट्यूमर के आसपास तंत्रिका होने के कारण शरीर का कोई हिस्सा सुन्न होना और दर्द रहना
- चक्कर आना और थकावट महसूस होना
- शरीर का तापमान अधिक रहना और ठंड लगना
- हल्की चोट के कारण ही हड्डियां टूट जाना (हड्डियां कमजोर पड़ने के कारण)
- एनीमिया
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इलाज (Bone Cancer Treatment in Hindi)
पहले हड्डियों के कैंसर के लिए सिर्फ सर्जरी पर ही फोकस किया जाता था और कैंसर प्रभावित अंग को निकाल दिया जाता था लेकिन मेडिकल साइंस ने काफी तरक्की कर ली है और अब बोन कैंसर के लगभग 90 प्रतिशत मामलों में व्यक्ति को पूरा अंग निकलवाने की जरूरत नहीं पड़ती है. आजकल बोन कैंसर का इलाज उसके प्रकार, लोकेशन, कैंसर की स्टेज और व्यक्ति के अनुसार किया जाता है हड्डियों के कैंसर के इलाज में निम्न को शामिल किया जा सकता है -
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रेडियोथैरेपी - इसमें मशीनों की मदद से उच्च ऊर्जा वाली विकिरणों की मदद से कैंसरग्रस्त ऊतकों को नष्ट किया जाता है. हालांकि, रेडिएशन थैरेपी के दौरान आसपास की स्वस्थ कोशिकाएं भी प्रभावित हो सकती हैं।
कीमोथैरेपी - इसे कीमो भी कहा जाता है, जिसमें मरीज को विशेष प्रकार की दवाएं दी जाती हैं जो तेजी से बढ़ रही कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने का काम करती हैं. कीमोथैरेपी का इस्तेमाल कई बार अन्य कैंसर ट्रीटमेंट्स के साथ भी किया जा सकता है।
सर्जरी - अगर कीमो या रेडिएशन थेरेपी की मदद से बोन कैंसर को ठीक नहीं किया जा सकता है, तो सर्जरी पर विचार होता है.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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