डायबिटीज रोगियों के पैरों में अक्सर फंगल इंफेक्शन, घाव या खुजली की समस्या होती है और ये गर्मी में तेजी से बढ़ती है. खासकर उन लोगों में जो जूता-मोजा ज्यादा पहनते हैं या जिनके तलवे में पसीना ज्यादा आता है. इतना ही नहीं, जिनके पैर बार-बार पानी में भीगते हैं उनको भी ये दिक्कत होती है. इसके अलावा अगर आपका शुगर लेवल ज्यादा है तो ऊपर बताई गई समस्या न होने पर भी पैरों में इंफेक्शन या फुट अल्सर का खतरा रहता है. 

पैर के अल्सर पुराने खुले घाव हैं जो लगातार ठीक होने में बाधा डालते हैं या लंबे समय तक फिर से उभर आते हैं. ये घाव पैरों और टखनों में त्वचा और ऊतकों के टूटने से उत्पन्न होते हैं, जो अक्सर संक्रमण का कारण बनते हैं. हाई ब्लड शुगर, खराब ब्लड सर्कुलेशन, न्यूरोपैथी और पैर की असामान्यताएं जैसे कारकों से पैर के अल्सर हो सकते हैं.

डायबिटीज से जुड़ी जटिलताओं के कारण इसका खतरा बढ़ जाता है. अनुपचारित अल्सर संक्रमण, फोड़े और गैंग्रीन जैसी गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकता है. डायबिटीज के कारण विभिन्न तरीकों से पैर में अल्सर हो सकता है. ऊंचा रक्त शर्करा स्तर तंत्रिका क्षति को प्रेरित कर सकता है, पैरों की संवेदना को कम कर सकता है और चोट का पता लगाने में बाधा उत्पन्न कर सकता है. इसके अलावा, डायबिटीज रक्त परिसंचरण में बाधा डाल सकता है, जिससे घाव भरने में देरी हो सकती है. कमजोर प्रतिरक्षा समारोह के साथ, यहां तक ​​कि मामूली चोटें या अनुचित फिटिंग वाले जूतों से दबाव बिंदु भी अल्सर को खराब कर सकते हैं.

डायबिटीज में पैर के अल्सर को रोकने के लिए क्या करें

  1. जलन, दरार या मोटी त्वचा के किसी भी लक्षण का पता लगाने के लिए नियमित रूप से पैरों की जांच कराएं. यदि दृश्य हानि चिंता का विषय है तो दर्पण का उपयोग करें या परिवार के किसी सदस्य की मदद लें.
  2. पैरों को रोजाना हल्के साबुन और गर्म पानी से धोकर स्वच्छता बनाए रखें. पैरों को अच्छी तरह सुखा लें, पंजों के बीच की जगह पर पूरा ध्यान दें और रूखापन रोकने के लिए मॉइस्चराइजर लगाएं.
  3. उचित फिटिंग वाले जूते और मुलायम, नमी सोखने वाले मोज़े चुनें. पहनने से पहले, जूतों का निरीक्षण करें कि उनमें कोई बाहरी वस्तु या खुरदरा किनारा तो नहीं है. यदि मोज़े गीले या पसीने वाले हो जाएं तो तुरंत बदल लें.
  4. नेल क्लिपर या एमरी बोर्ड जैसे उपयुक्त उपकरणों का उपयोग करके पैर के नाखूनों को सीधा काटें.

कॉर्न्स या कॉलस के प्रबंधन पर मार्गदर्शन के लिए किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श लें, क्योंकि इस बीमारी को ठीक करने में मेडिसिन जरूरी है.

 

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(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.

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गर्मी आते ही डायबिटीज रोगियों में बढ़ता है फुट अल्सर का खतरा, जानें कैसे बचें
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फुट अल्सर क्यों होता है हाई ब्लड शुगर वालों में?
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फुट अल्सर क्यों होता है हाई ब्लड शुगर वालों में?

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गर्मी आते ही डायबिटीज रोगियों में बढ़ता है फुट अल्सर का खतरा, जानें कैसे पैरों को सड़ने से बचाएं

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