डीएनए हिंदीः एंटीबायोटिक्स के ओवर यूज पर डब्ल्यूएचओ ने जो रिपोर्ट दी है वह बेहद डराने वाली है. सर्दी-जुकाम और गले में दर्द होने पर बिना डॉक्टर की सलाह पर एंटीबॉयोटिक्स खाने से ब्लड इंफेक्शन का खतरा बढ़ रहा है. एंटीबॉयोटिक्स रेजिस्टेंस के कारण ऐसा हो रहा है.
खांसी से लेकर जुकाम और बुखार में खाई जाने वाली कुछ एंटीबायोटिक दवाएं लोगों पर बेअसर हो रही हैं. इतना ही नहीं, ये दवाएं शरीर को बहुत ज्यादा नुकसान भी दे रही हैं.
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इन आम बीमारियों में लोग परेशानी से बचने के लिए बाजार में आसानी से मिलने वाली दवाओं को खुद ही खरीदकर खा रहे है. इसके अलावा कई अन्य बीमारियों या इंपफेक्शन में भी एंटीबॉयोटिक्स का यूज होता ही है. हाल ही में आई विश्व स्वास्थ्य संगठन की नई रिपोर्ट बेहद डराने वाली है. इस रिपोर्ट बताया गया है कि कुछ खास तरह की एंटीबायोटिक दवाएं ऐसी है जो सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रही हैं.
बेअसर होती जा रही हैं एंटीबायोटिक दवाएं
2020 में 87 देशों की रिपोर्ट के आकलन के आधार पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ये रिपोर्ट आई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ एंटीबायोटिक (antibiotics) दवाएं को बैक्टीरिया के प्रति बेअसर होने के खतरे को बढ़ता हुआ पाया गया हैं. खतरे की बात ये है कि इनका सेवन खून में जानलेवा संक्रमण का कारण भी बन रहा है . साथ ही शरीर को कई बैक्टीरिया के खिलाफ उपचार के लिए प्रतिरोधक (Antibiotic Resistance ) बना रहा है. यानी कि आपका शरीर कई बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ ही नहीं पाएगा और ये दवाएं आपके किसी काम नहीं आएंगी.
पहली बार, ग्लोबल एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस एंड यूज सर्विलांस सिस्टम (GLASS) रिपोर्ट में 27 देशों में एंटीबायोटिक रेज़िस्टेंस डेटा का विश्लेषण किया गया है. रिपोर्ट से पता चलता है कि बैक्टीरिया में प्रतिरोध के 50% से ऊपर है. यानी जो दवाएं दी जा रही हैं बैक्टीरिया पर उनका कोई असर नहीं हो रहा है.
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ब्लड इंफेक्शन का कारण बन सकती हैं ये दवाएं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) बताया है कि ब्लड इंफेक्शन के मामले जिस तरह से बढ़ रहे हैं, उसका एक बड़ा कारण एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस दवाएं हो सकती हैं. ये क्लेबसिएला न्यूमोनिया (klebsiella pneumoniae) और एसिनेटोबैक्टर एसपीपी (Acinetobacter spp) का कारण बन सकते हैं.
लिस्ट में है इन दवाओं का नाम
WHO ने इन एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस दवाओं के नाम की लिस्ट भी जारी की है. जैसे कार्बापेनेम (carbapenems antibiotics), जिसके तहत imipenem, meropenem, ertapenem और doripenem जैसी एंटीबायोटिक दवाओं को तैयार किया जाता है. इसके अलावा इस लिस्ट में सिप्रोफ्लोक्सासिन (ciprofloxacin) का भी नाम है, जिसे ओरल इंफेक्शन को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही यूटीआई इंफेक्शन में इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं एम्पीसिलीन (ampicillin) और सह-ट्रिमोक्साज़ोल ( co-trimoxazole) और फ़्लोरोक्विनोलोन (fluoroquinolones) का भी नाम इस लिस्ट में है.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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