डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल सांस के संक्रमण से सात बच्चों की मौत हो गई है। एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने यह जानकारी दी। हालांकि, अधिकारी ने कहा, चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि साल के इस समय के दौरान इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियां आम थीं और मृतक को दूसरी बीमारियां भी थीं।
पश्चिम बंगाल में एडेनोवायरस संक्रमण (Adenovirus Infection) का मामला सामने आया है. यहां इस वायरस की चपेट में आने से अब तक 7 बच्चों की मौत हो गई. इसबीच राज्या सरकार भी पूरी तरह अलर्ट हो गई है. सीएम ममता बनर्जी ने प्रदेश के लोगों को आश्वासन दियाा है. उन्होंने कहा कि डरने की कोई बात नहीं है. इस वायरस को रोकने और इलाज के लिए प्रशासन द्वारा पर्याप्त उपाय किए जा रहे हैं. इसबीच सवाल उठ रहा है कि आखिर एडेनोवारस क्या है, इसके क्या लक्षण हैं, ये कैसे फैलता है और कितना खतरनाक साबित हो सकता है...
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जानें क्या है एडेनोवायरस
एडेनोवायरस एक तरह का वायरल रोग है. इसके लक्षण लगभग कोरोना वायरस से मिलते जुलते हैं. यह किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से तेजी से फैलता है. यह वायरस भी हवा में मिलकर खांसने या छींकने से फैलता है. इतना ही नहीं इस वायरस के कण दूसरी सतहों पर भी जम जाते हैं. इन्हें छू जाने से ही यह संक्रमण फैल सकता है.
एडेनोवायरस से संक्रमित होने पर दिखते हैं ये लक्षण
एडेनोवायरस से संक्रमित होने पर सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इसके अलावा बुखार, गला सूखना, एक्यूट ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याएं भी होती हैं. इस से संक्रमित व्यक्ति को निमोनिया, आंखों का लाल होना, दस्त, उल्टी और पेट दर्द जैसी समस्याएं भी होती हैं. इस वायरस के कारण ब्लैडर इंफेक्शन का भी खतरा होता है.
इसलिए बच्चों में ज्यादा तेजी से फैल रहा वायरस
एडेनोवायरस से कोई भी संक्रमित हो सकता है, लेकिन सबसे ज्यादा खतरा दो साल तक के बच्चों को होता है. इसके संक्रमण में आने से बच्चे गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं. यह वायरस लंग्स और हार्ट पर अटैक कर इन्हें बीमार कर देता है. एडेनोवायरस कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को हिट करता है. यही वजह है कि बच्चों पर इसका प्रकोप ज्यादा दिख रहा है.
इसे बचने के लिए उठाएं ये कदम
-इस वायरस से बचने के लिए कम से कम 20 सेकेंड तक साबुन से हाथ धोना चाहिए.
-अपने हाथों से बार-बार आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें.
-अगर कोई बीमार है तो उससे दूरी बनाकर रखें.
-बीमार होने पर घर पर ही रहें, घर से बाहर न निकलें.
-खांसते या छींकते वक्त टिश्यू और मास्क का इस्तेमाल करें.
-अपने बर्तन दूसरों के साथ शेयर करने से बचें.
एडेनोवायरस के लिए अभी तक कोई दवा या इलाज नहीं है. अधिकांश समय, एडेनोवायरस संक्रमण के हल्के लक्षण होते हैं और दर्द या बुखार के लिए दवा से ठीक हो जाते हैं. इसलिए घबराएं नहीं, अगर आपको ऐसे लक्षण हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।)
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कितना खतरनाक है पश्चिम बंगाल में फैला एडेनोवायरस संक्रमण, जानें इसके लक्षण-बचाव और इलाज