डीएनए हिंदी: State Wise Abortion Datas and Causes- अब अविवाहित महिलाओं को भी 24 हफ्ते तक गर्भपात की आजादी मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अविवाहित और विवाहित दोनों महिलाओं को अब 24 हफ्ते तक गर्भपात करवाना कानूनी रूप से वैध हो जाएगा. जानते हैं देश में गर्भपात के आंकड़े क्या हैं और किस राज्य में कितने गर्भपात हुए
गर्भपात के बाद होती है 8 फीसदी महिलाओं की मौत (8 Percent Women dies after Abortion)
रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया और सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (RGI-SRS) के डेटा के मुताबिक देश में 8 प्रतिशत महिलाओं की मौत असुरक्षित गर्भपात के कारण हो जाती है. वहीं NFHS-5 सर्वे के अनुसार गर्भपात के 16 प्रतिशत मामलों में महिलाओं को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार मामले इतने जटिल हो जाते हैं कि 90 फीसदी लोगों को डॉक्टर के पास भागना पड़ता है.
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घरों में होते हैं देश के एक चौथाई से ज्यादा गर्भपात
देश में महिलाएं गर्भपात के मामले में निजी अस्पतालों या नर्सिंग होम (52.9%) को प्राथमिकता देती है.वहीं 26.2% मामलों में गर्भपात घर पर ही किया जाता है.चौंकाने वाली बात ये है कि गर्भपात के मामलों में सरकारी संस्थानों ( 20.3 %) के मुकाबले लोग घर को तरजीह देते हैं.
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अनप्लांड प्रेग्नेंसी आधे से ज्यादा गर्भपात का कारण
देश में लगभग आधे गर्भपात (47.6 %) का कारण अनियोजित गर्भधारण (Unplanned pregnancy)है. 11.3% मामलों में मां का स्वास्थ्य सही नहीं होता, इसके अलावा 9.7% गर्भपात इसलिए किए जाते हैं क्योंकि पहला बच्चा बहुत छोटा होता है, वहीं 9.1% गर्भपात का कारण गर्भावस्था में किसी समस्या के सामने आने की वजह से होता है.
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पति या सास के न चाहने पर 4.1 % गर्भपात होते हैं, वहीं 3.6 % मामलो में गर्भनिरोधक उपाय फेल हो जाते हैं.3.4% मामलों में परिवार की आर्थिक स्थिति गर्भपात के लिए मजबूर कर देती है.गर्भपात के 2.1 % मामलों में बेटी होने के कारण गर्भ गिरा दिया जाता है.
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दो तिहाई मामलों में दवाई का इस्तेमाल
गर्भ गिराने के लिए देश में 67.5 % महिलाएं दवाओं का उपयोग करती हैं. 11.8% मामलों में Manual Vacuum Aspiration (MVA) तकनीक की मदद ली जाती है.16.3 % मामलों में अन्य सर्जरी प्रकियाएं की जाती है.
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मणिपुर में सबसे ज्यादा गर्भपात (Manipur is the Worst State)
अगर राज्यों का आंकड़ा देखा जाए तो देश में सबसे ज्यादा गर्भपात (Abortion) मणिपुर (10.4 %) में होते हैं.इसके बाद त्रिपुरा (7%),दिल्ली (5.7%),पुड्डुचेरी (5.1%) और असम (4.8 %) देश के 5 सबसे ज्यादा गर्भपात की औसत वाले राज्यों में शामिल हैं.
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इसके बाद ओड़िशा (4.7 %) तमिलनाडू (4.4%), अंडमान निकोबार (4.3%), चंडीगढ़ (4.2%), तेलंगाना (4.1%), महाराष्ट्र (4 %), आंध्र प्रदेश (4 %), पश्चिम बंगाल (3.6 %), उत्तराखंड (3.4%) , लद्दाख (3.2 %), केरल (3.2%), पंजाब (3.1 %) और उत्तर प्रदेश(3.1 %) उन राज्यों में शामिल जहां गर्भपात की दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है.
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Abortion: गर्भपात के बाद 8 फीसदी महिलाओं की होती मौत, मणिपुर में सबसे बुरा हाल