डीएनए हिंदीः हमारे फेफड़ों में गुब्बारे जैसी असंख्य हवा से भरी थैलियाँ होती हैं. इसका नाम एल्वियोली है. यदि किसी भी कारण से फेफड़ों में सूजन हो तो इस थैली में कफ जमा हो सकता है. और इस समस्या का नाम निमोनिया है.
परेशानी यह है कि हममें से ज्यादातर लोग निमोनिया के लक्षणों से बेखबर हैं. इसलिए रोग के चरम अवस्था में पहुंचने के बाद लोग बीमारी की गंभीरता को समझते हैं और उस समय तक फेफड़े गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके होते हैं. उम्मीद है इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद आपको इस गंभीर बीमारी के खतरे से बचने का मौका मिलेगा.
निमोनिया के संकेत
निमोनिया के मरीजों को आमतौर पर खांसी होती है . खांसी के साथ कफ भी आ सकता है. इसके अलावा कई मामलों में कॉफी में खून भी होता है. साथ ही मरीज को सांस लेने में भी खतरा रहता है. यहां तक कि थोड़ा सा चलने से भी सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. इतना ही नहीं, निमोनिया के मरीजों को छाती के एक तरफ दर्द का अनुभव हो सकता है. इसलिए, अगर ये लक्षण दिखें तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें.
इस बीमारी के पीछे ये कारण हो सकते हैं-
1. बैक्टीरिया
2. फंगस
3. वायरस
4. धूल
5. धुआं
5. कोई जहरीली गैस
6. सिगरेट, बीड़ी आदि.
इसलिए अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो आपको इनसे दूर रहने का तरीका ढूंढना होगा. अन्यथा समस्या का कोई अंत नहीं होगा.
रोग का निदान कैसे होगा?
डॉ. शिवरेशमी उन्नीथन ने कहा, आमतौर पर डॉक्टर मरीज की छाती पर स्टेथोस्कोप रखकर निमोनिया के बारे में अनुमान लगा सकते हैं. फिर बीमारी की पुष्टि के लिए एक्स-रे किया जाता है. यह पूरी तस्वीर खींच लेता है. हालाँकि, एक्स-रे में वायरल निमोनिया का पता नहीं चलता है. उस स्थिति में सीटी स्कैन दिया जाता है. इस टेस्ट के जरिए ही निमोनिया की पुष्टि की जा सकती है.
इलाज क्या है?
रोगी किस प्रकार के जीवाणु संक्रमण से पीड़ित है, इसका पता लगाने के लिए कल्चर परीक्षण किया जाता है. फिर जब वह रिपोर्ट आती है तो लक्षित एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं. वहीं, एंटीवायरल दवाओं का इस्तेमाल कोविड और इन्फ्लूएंजा जैसे वायरल निमोनिया में किया जाता है. इसके अलावा, अन्य वायरस के लिए रोगसूचक उपचार के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है.
बीमारी से कैसे बचें?
इस बीमारी से बचाव के लिए न्यूमोकोकस, कोविड और इन्फ्लूएंजा का टीका लगवाएं. साथ ही जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है उन्हें हमेशा मास्क का प्रयोग करने का प्रयास करना चाहिए. खासकर, घर से बाहर निकलने पर मास्क जरूरी है. जी हां, तभी आप बीमारियों से आसानी से बचाव कर सकते हैं.
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शरीर में ये लक्षण हैं तो समझ लें आप गंभीर निमोनिया की चपेट में हैं