डीएनए हिंदीः किडनी की फिल्टर क्षमता (kidney filter capacity) अगर कम होने लगे तो शरीर में टॉक्सिन (Toxin) का जमा होना शुरू हो जाता है. यूरिक एसिड (Uric Acid) से लेकर किडनी फेल (Kidney Failure) होने तक का खतरा भी बढ़ जाता है, इसलिए किडनी को हेल्दी रखना जरूरी है. अगर आपके पैरों में सूजन (Swelling in Legs)बढ़ रही या पूरी बॉडी में पानी भरने के कारण सूजन (Swelling due to water filling in body) जैसा महसूस हो रहा तो समझ लें कि किडनी का फंक्शन गड़बड़ (Kidney Function) हो गया है. ऐसे में 5 जड़ी-बूटियां (Herbs) बहुत काम आएंगी, ये न केवल किडनी की फिल्टरेशन क्षमता को सुधारेंगी, बल्कि यूरिक एसिड से लेकर डायबिटीज (Diabetes) और हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) को भी मैनेज करेंगी.
किडनी मेटाबॉलिज्म को सही करने, ब्लड फिल्टरेशन के प्रबंधन, बोन मैरो को प्रोडक्शन, हार्मोन उत्पादन करने और जल संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. स्वस्थ शरीर को बनाए रखने के लिए किडनी को स्वस्थ रखना आवश्यक है, क्योंकि यह फ़िल्टर करने, शरीर में जमा कचरे को खत्म करने और हार्मोन का उत्पादन करने में मदद करती है. तो चलिए जानें कि किडनी के स्वास्थ रखने के लिए कौन सी 5 आवश्यक जड़ी-बूटियां हैं.
गिलोय (Giloy)
गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो किडनी को एफ्लाटॉक्सिन और संबंधित मुक्त कणों के हानिकारक प्रभावों से बचाते हैं. यह पाचन में सुधार और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में भी मदद करता है.
हल्दी (Turmeric)
हल्दी एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-कार्सिनोजेनिक प्रभावों के साथ एक अद्भुत मसाला है और इसे दैनिक आहार में शामिल किया जाना चाहिए. T2DM रोगियों में, हल्दी प्लाज्मा प्रोटीन में सुधार करती है और रक्त में यूरिया और क्रिएटिनिन के स्तर को कम करती है, जिससे किडनी की कार्यक्षमता में सुधार हो सकता है.
त्रिफला (Trifala)
कायाकल्प करने वाली जड़ी-बूटियों अमलकी, हरीतकी और बिभीतकी का चमत्कारी ट्रिपल संयोजन किडनी के ऊतकों को मजबूत करता है, प्लाज्मा प्रोटीन, एल्ब्यूमिन, क्रिएटिनिन के स्तर और पूरे किडनी के कार्य में सुधार करता है.
अदरक (Ginger)
अदरक के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण किडनी के संक्रमण से जुड़ी सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं. अदरक एक लाभकारी जड़ी बूटी है जो रक्त शोधन, भोजन के पाचन, रक्त के ऑक्सीकरण और मूत्र संबंधी परेशानी को कम करके किडनी की कार्यप्रणाली में सुधार करने में मदद करती है.
सिंहपर्णी जड़ें (Dandelion roots)
सिंहपर्णी जड़ एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक है जो किडनी के रक्त प्रवाह को बढ़ाता है और मूत्र प्रवाह को बढ़ाता है. इसमें दर्द प्रबंधन और किडनी की पथरी के पारगमन में मदद करने के लिए विरोधी भड़काऊ गुण हैं और पोटेशियम सामग्री को बढ़ाता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।)
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पैरों में आ रही सूजन तो समझ लें कम हो रही किडनी की फिल्टर क्षमता, ये जड़ी-बूटियां सुधारेंगी गुर्दे का हाल